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Jammu-Kashmir: LoC पार से भारी संख्या में घुसपैठ की फिराक में आतंकी, जम्मू जोन के आईजीपी ने कही ये बात

सांकेतिक तस्वीर।

चिंता की बात यह है कि इनमें काफी संख्या में अफगानी आतंकी (Terrorists) भी हैं। अफगानी आतंकी पाकिस्तानियों की तुलना में बेहतर प्रशिक्षित और अच्छे लड़ाके माने जाते हैं।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से लगती पाकिस्तान की सीमा के पार घुसपैठ की फिराक में बैठे (Wating to infiltrated in India) आतंकियों में अफगानी आतंकियों (Afghani Terrorits) का होना सुरक्षा बलों (Security Forces) के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। सुरक्षा तंत्र से जुड़े सूत्रों ने 8 जनवरी को यहां बताया कि सीमा पार 50 से 60 लांच पैड पर करीब 300 आतंकी हैं, जो मौका मिलते ही घुसपैठ की फिराक में हैं।

चिंता की बात यह है कि इनमें काफी संख्या में अफगानी आतंकी (Terrorists) भी हैं। अफगानी आतंकी पाकिस्तानियों की तुलना में बेहतर प्रशिक्षित और अच्छे लड़ाके माने जाते हैं। सूत्रों ने अफगानी आतंकियों की निश्चित संख्या तो नहीं बताई, लेकिन कहा कि इतने अफगानी सीमा पार पहले नहीं देखे गए।

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बर्फबारी के कारण अभी ये आतंकी घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन मार्च-अप्रैल में बर्फ पिघलने के साथ ही ये मौका मिलते ही भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश करेंगे। इन आतंककारियों का मुख्य निशाना सुरक्षा बल ही रहेंगे और ये जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के साथ-साथ लोगों को भड़काने और प्रशासन के खिलाफ लाने की कोशिश करेंगे।

सूत्रों ने साथ ही कहा कि इस बार किसी के लिए भी लोगों को भड़काना और भीड़ के रूप में अशांति फैलाने के लिए उनका इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल भी सुरक्षा बलों के लिए सिर दर्द बन सकता है। इसके लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी से लैस किया जाना जरूरी है।

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हालांकि, सुरक्षा बलों और सेना को आदेश है कि यदि कोई ड्रोन उनके हथियारों की मारक सीमा के दायरे में आए तो उसे तुरंत मार गिराया जाना चाहिए। जीपीएस और रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित ड्रोन के अलावा अब पहले से ही प्रोग्राम किए गए ड्रोन भी नए खतरे के रूप में उभर रहे हैं। ये ड्रोन उन्हें दी गई कमान के आधार पर काम करते हैं।

इस बीच आईजीपी जम्मू जोन मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि नियंत्रण रेखा के उस पार मौजूद आतंकी (Terrorists) मेंढर में आतंक फैलाने के प्रयास कर रहे हैं। हम सेना एवं पुलिस उनके किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे। वे 11 जनवरी को मेंढर सब डिवीजन में अपने दौरे के दौरान कुछ समय पूर्व मेंढर सब डिवीजन में पुलिस और सेना की तरफ से आतंकियों के मददगारों से बरामद किए गए हथियार एवं मादक पदार्थों की खेप को देखने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

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मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि मेंढर क्षेत्र में 10-12 वर्ष से अमन बना था, जिसे उस पार मौजूद आतंकी भंग कर यहां के नौजवानों और ओजीडब्ल्यू को सक्रिय कर उनके द्वारा सुरक्षा बलों के ठिकानों एवं धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के प्रयास में हैं। इसके लिए उन्होंने उस पार से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद भी इस तरफ पहुंचाया है। परंतु हमारे चौकस सुरक्षा बलों (Security Forces) ने उस पार मौजूद आतंकियों (Terrorists) की मंशा को नाकाम बनाते हुए आतंकियों के मददगारों को दबोचा है। यह सब आतंक का सामान बरामद किया है। आगे भी आतंकियों की मंशा को नाकाम बनाया जाएगा।