जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और अलगाववादियों की नापाक मंशा आए दिन सामने आ रही है। वे कश्मीर में शांति भंग करने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। ताजा मामले में भारत में प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने ऐलान किया है कि वह 4 अक्टूबर को नियंत्रण रेखा की ओर मार्च निकालेगा। संगठन ने कहा है कि उसका यह ‘आजादी मार्च’ शांतिपूर्ण रहेगा। JKLF का भारत में नेतृत्व करने वाले यासीन मलिक इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में है। यह संगठन PoK में भी सक्रिय है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, संगठन ने पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर की सरकार से इस मार्च में किसी तरह की बाधा नहीं पैदा करने का आग्रह किया है। JKLF के केंद्रीय प्रवक्ता मोहम्मद रफीक डार ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इस मार्च का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत में कश्मीर के लोगों से एकजुटता दिखाने और इनकी समस्याओं की तरफ दुनिया का ध्यान दिलाने के लिए यह मार्च भिम्भर से एलओसी के छकोटी तक निकाला जाएगा। मार्च का नेतृत्व जेकेएलएफ के कार्यकारी चेयरमैन अब्दुल हमीद बट करेंगे।
एलओसी के संदर्भ में डार ने कहा कि हम छकोटी सेक्टर में जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाली संघर्ष विराम रेखा को रौंद डालेंगे। उन्होंने कहा कि मार्च का फैसला 30 अगस्त को रावलपिंडी में जेकेएलएफ की सुप्रीम कौंसिल में लिया गया। साथ ही यह भी कहा कि अगर ‘आजाद कश्मीर’ (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) की सरकार चार अक्टूबर से पहले या बाद में हमारे साथ एलओसी पार करना चाहती है तो हम मार्च की तिथि में बदलाव के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा जम्मू-कशमीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान और अलगाववादी संगठन नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं।
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