जम्मू–कश्मीर (Jammu Kashmir) में बीजेपी (BJP) को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना के कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) पाए जाने के बाद जहां बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ताओं को कोविड–19 टेस्ट करवाना पड़ रहा है‚ वहीं अब घाटी के इन पार्टी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले की आशंका भी बढ़ती जा रही है।
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मालूम हो कि पिछले सप्ताह उत्तरी कश्मीर के बांडीपुरा में लश्कर के आतंकियों (Militants) ने बीजेपी के एक प्रमुख नेता वसीम बारी, उनके पिता व भाई पर हमला करके हत्या कर दी थी। उसके बाद घाटी में कुछ जगह बीजेपी कार्यकर्ताओं को धमकी वाले पोस्टर भी चस्पा हुए दिखाई दिए। इसके बाद बारामूला निगम कमेटी के उपप्रधान मेहराजुद्दीन मल्ला को अज्ञात लोगों ने अगवा कर लिया था‚ लेकिन सुरक्षाबलों के दबाव के बाद मल्ला रिहा हो सके।
बात केवल यहीं तक नहीं‚ बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं में खौफ इससे भी साफ उजागर होता है कि पिछले सप्ताह भर में पार्टी के करीब आधा दर्जन घाटी के नेता व कार्यकर्ता सार्वजनिक तौर पर बीजेपी से अलग होने का ऐलान कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि 5 अगस्त‚ जबकि जम्मू–कश्मीर (Jammu Kashmir) से विशेष दर्जा के तहत धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को खत्म किए जाने का एक साल पूरा होने जा रहा है। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो सकते हैं। घाटी के सुरक्षा शाखा के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने कश्मीर बीजेपी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर को भी अलर्ट किया है कि उन पर आतंकी संगठन हमला कर सकते हैं।
मालूम हो कि घाटी में खूफिया सूत्रों ने पहले की अलर्ट किया था कि 5 अगस्त से पहले आईएसआई (ISI) जम्मू–कश्मीर (Jammu Kashmir) में नेताओं‚ सुरक्षाबलों और राज्य के कुछ खास लोगों पर आतंकी हमला करवा सकती है। पाकिस्तान की ओर से ये जिम्मेदारी जैश–ए–मोहम्मद‚ लश्कर–ए–तैयबा व हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा अल बदर के आतंकियों (Militants) को सौंपी गई है।