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भारत के खिलाफ पाकिस्तान का नया पैंतरा, इमरान खान ने ट्वीट कर अब देश के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर जताई चिंता

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई है। उन्होंने भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर गंभीरता से विचार करने को कहा है। इस बार इमरान खान ने बौखलाहट और हताशा में भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाया है। भारत के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने लगातार कई ट्वीट्स किए और भारत के परमाणु हथियारों को लेकर अपना डर जाहिर किया। उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी सरकार पाकिस्तान के अलावा भारत के अल्पसंख्यकों तथा गांधी और नेहरू के भारत के लिए खतरा है।

इमरान खान ने आरोप लगाया, ‘दुनिया को बोतल से बाहर आए इस जिन्न पर नजर रखनी चाहिए। ‘इमरान ने कहा, ‘भारत ठीक वैसे ही कट्टर हिंदू विचारधारा के कब्जे में है जैसे कि जर्मनी नाजियों के हाथ में था।’ उन्होंने कहा कि दो सप्ताह से कश्मीर में 90 लाख कश्मीरियों को ‘डिटेंशन’ में रखा गया है और संयुक्त राष्ट्र को पर्यवेक्षकों को वहां भेजा जाना चाहिए। इमरान खान ने लिखा कि भारत के परमाणु हथियार का नियंत्रण फासीवादी मोदी सरकार के हाथ में है, यह एक ऐसा मुद्दा है जिससे केवल क्षेत्र पर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव पड़ेगा।

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पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का यह बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ‘पहले परमाणु हमला ना करने की नीति’ में परिस्थितियों के अनुसार बदलाव के ऐलान के बाद आया है। गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत की अब तक परमाणु हथियार को लेकर ‘नो फर्स्ट यूज’ की नीति रही है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, वह तब की परिस्थिति तय करेगी। राजनाथ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से सिर्फ पीओके पर चर्चा होगी, जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले पर नहीं, क्योंकि वह भारत का आंतरिक मामला है। रक्षामंत्री ने कहा था कि हमारी नीति रही है कि हम परमाणु हथियार का पहले प्रयोग नहीं करेंगे लेकिन आगे क्या होगा, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

इमरान खान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर दुनिया का समर्थन मांगते नजर आए। इमरान ने कहा कि कश्मीर के हालात को देखते हुए अब तक खतरे की घंटियां बज जानी चाहिए थीं और संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक वहां भेजे जाने चाहिए थे। बता दें कि 5 अगस्त को मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार से जुड़े अनुच्छेद 370 को बदलने के फैसले के बाद से पाकिस्तान लगातार बयानबाजी कर रहा है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच या दुनिया के किसी भी देश से उसे कोई मदद नहीं मिल पा रही है।

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