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Article 370: पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी, नहीं मिल रहा किसी का साथ

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत के कदम पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है।

अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने के भारत के कदम पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मुस्लिम देशों और अपने मित्र देशों से लगातार गुहार लगा रहे हैं। लेकिन फिलहाल वह अपने इस विरोध में अलग-थलग पड़ गए हैं। भारत के फैसले से सबसे ज्यादा पाकिस्तान घबराया हुआ है। भारत के इस कदम के खिलाफ पाकिस्तान को दुनिया भर में कहीं से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 5 अगस्त को बयान जारी कर कहा ‘भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय तौर पर विवादित क्षेत्र है। इस अंतरराष्ट्रीय विवाद में एक पक्ष होने के नाते पाकिस्तान इस अनुचित कदम का विरोध करने के लिए हर विकल्प का इस्तेमाल करेगा।’

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए 6 अगस्त को कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई है। जियो न्यूज के अनुसार, कॉर्प्स कमांडरों की बैठक का एजेंडा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के कदम और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात तथा कश्मीर में उसके असर का विश्लेषण करना है। इसके पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के दो सहयोगी देशों मलेशिया और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के इस कदम को अवैध करार दिया और कहा कि इससे क्षेत्र की शांति नष्ट हो जाएगी।

कश्मीर में नई पहल को हमारा समर्थन

हालांकि, कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन की तरफ से भी अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि, 4 अगस्त को ही इस्लामिक देशों के संगठन ने कहा था कि भारतीय अधिकृत जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात चिंताजनक हैं। पाकिस्तान के दोस्त चीन ने भी अभी तक चुप्पी साध रखी है। वहीं, अमेरिका ने भी अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के भारत सरकार के फैसले को आंतरिक मामला माना है।

यूएस विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने एक बयान में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हम इस बात का संज्ञान लेते हैं कि जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक दर्जा बदलने के फैसले को भारत ने सख्त तौर पर अपना आंतरिक मामला करार दिया है। उन्होंने दोनों पक्षों से सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील भी की।

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