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खुलासा: पाक आतंकियों के निशाने पर मंदिरों के महंत, नरसिंहानंद की हत्या करने आया जैश का आतंकी हथियार के साथ गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर के मंहत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand) की हत्या के लिए आए जॉन मोहम्मद उर्फ जहांगीर नाम के आतंकी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी जॉन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला है। जान घाटी में पांच साल पहले सेना के खिलाफ पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार भी हो चुका है।

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गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की तरह महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand) की हत्या की साजिश रची गई थी। उन्हें साधु के वेश में मारने की प्लानिंग कर रेकी पूरी हो चुकी थी बस वारदात को अंजाम दिया जाना बाकी था। इस संबंध में पकड़े गए आतंकी जॉन ने पुलिस पुछताछ में अपने इस योजना का खुलासा किया।  पुलिस ने आरोपी के पास से 2 पिस्टल ,2 मैगजीन और 15 जिंदा कारतूस के अलावा पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और साधुओं के कपड़े भी बरामद किए हैं।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में खुलासा हुआ जम्मू–कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी आबिद से उसकी मुलाकात हुई थी। स्वामी नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) की हत्या को अंजाम देने का निर्देश उसी ने दिया था। इसके लिए आबिद ने कश्मीर में हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी थी। दिल्ली आए आरोपी को उमर नाम के शख्स ने हथियार मुहैया करवाए थे।

आरोपी ने पुलिस को बताया कि जम्मू कश्मीर में उसकी मुलाकात पिछले साल दिसम्बर में आतंकी आबिद से हुई थी। इस साल फरवरी महीने में भी अपने भतीजे का इलाज कराने के लिए वह दिल्ली आया था। यहां आकर वह जामा मस्जिद के बशीर गेस्ट हॉउस में ठहरा था। यहां से लौटने के बाद उसने आबिद को दिल्ली की जानकारी दी‚ जिसके बाद उसने स्वामी नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) की हत्या की सुपारी दी। इसके लिए उसे कश्मीर में ही हथियार चलाना सिखाया गया।

आरोपी ने यह भी खुलासा किया है कि उसे 6500 रुपए नकद और 35,000 रुपए उसके बैंक खाते में भेजे गए थे। जामा मस्जिद में उसने उमर से हथियार लिया। इसके बाद वह पहाड़गंज चला गया था।

पुलिस ने आतंकी जॉन की गिरफ्तारी पहाड़गंज के शिवा होटल से की है। वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और बढ़ई का काम करता है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तानी आबिद ने खुद को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) का आतंकी बताया था और आरोपी जान के साथ व्हाट्सऐप पर लगातार संपर्क में था। आरोपी ने बताया कि उसे इस काम के बदले अच्छे रुपए देने का वादा किया गया था।

गौरतलब है कि डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) एक विशेष जाति समुदाय के निशाने पर हमेशा रहते हैं। यही कारण भी रहा कि उन्हें इससे पहले भी पीसीआई से जान से माने की धमकी मिल चुकी है। हालांकि एहतियातन मंदिर के महंत के लिए पीएसी की एक बटालियन की तैनाती कर दी गई है।