सीमा पर आईटीबीपी (ITBP) के जवान चीन तथा दूसरे अन्य पड़ोसी मुल्कों से लगातार हमारी सुरक्षा कर रहे हैं। तमाम मुश्किल हालातों के बीच यह जवान अब गरीब आदिवासियों की मदद भी करने में जुटे है। आईटीबीपी के जवानों का यह मानवीय चेहरा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में नजर आया है। यह बहादुर जवान इन इलाके के गरीब लोगों को दवा, भोजन और कपड़ा मुहैया करा रहे हैं।
आईटीबीपी (ITBP) की 53वीं बटालियन घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में एक तरफ जहां अपने कर्तव्य निभा रही है तो दूसरी तरफ सामाजिक कार्यों को भी अंजाम दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईटीबीपी बेहद नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के कोंडागांव, सोनपुर, और नारायणपुर के आदिवासी इलाकों में लोगों को खाना तथा मास्क, बच्चों को कपड़े और लोगों का इलाज भी कर रही है। अबूझमाड़ के ये वो इलाके है जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है। नक्सली हमलों (Naxal Attack) का खतरा हमेशा मंडराता रहता है।
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आईटीबीपी (ITBP) के जवानों की इस पहल से इलाके के गरीब लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। गांव के गरीब आदिवासी खुश हैं कि नक्सलियों से सुरक्षा के साथ आईटीबीपी उनका ध्यान रख रही है। एक खास बात यह भी है कि बच्चों और बड़ों को चप्पल पहनाने का काम भी खुद आईटीबीपी कर्मियों ने किया। इसके बाद उन्हें लजीज भोजन कराया गया। बच्चों में जिम्मेदारी और देश सेवा का भाव जगाने के लिए उन्हें आईटीबीपी अधिकारी की कुर्सी पर बैठाया गया। ये सीन देखकर आदिवासियों ने कहा, आईटीबीपी का बहुत आभार। हम अपने बच्चों को उनके जैसा बनाएंगे।
आपको बता दें कि हाल ही में 53वीं वाहिनी का एक अन्य मानवीय चेहरा देखने को मिला था। आईटीबीपी (ITBP) जवानों ने जंगल में रह रहे आदिवासियों के साथ पार्टी की थी। एक जवान के बच्चे का जन्मदिन था। चूंकि वह ड्यूटी पर था, इसलिए अपने बच्चे के पास नहीं जा सकता था। उसने आदिवासियों के बच्चों के साथ अपनी औलाद का जन्मदिन मनाया। उसने बच्चों को नए कपड़े पहनाए। उन्हें चप्पल जूते दिए। उसके बाद बच्चों को भरपूर खाना खिलाया गया।
इस साल यह भी खबर आई थी कि कोरोना (Coronavirus) महामारी को देखते हुए आईटीबीपी (ITBP) के जवान खुद ही मास्क बना रहे थे और गरीब लोगों को यह मास्क देकर संक्रमण से उनकी रक्षा कर रहे थे।