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India बना दुनिया का चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति

भारत (India) लगातार अंतरिक्ष में अपनी कामयाबी की गाथा लिख रहा है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत (India) दुनिया का चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बन चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लगातार किए गए सफल परीक्षणों के चलते भारत (India) एक स्पेस पावर बन चुका है।

1 अप्रैल को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से 9.27 बजे इसरो ने पीएसएलवी (PSLV) के जरिए एमिसैट (EMISAT) को अंतरिक्ष में भेजा। एमिसैट को इसरो और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है। इसका प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया गया है।

आम लोगों को रॉकेट लॉन्चिंग और स्पेस ऐक्टिविटीज दिखाने के लिए ISRO ने स्टेडियम सरीखी गैलरी तैयार की थी। जिसमें पांच हजार लोगों के बैठने की क्षमता थी। सोमवार को सुबह भारी संख्या में लोग इसे देखने के लिए इकट्ठा हुए। यहां से बैठकर लोगों ने रॉकेट लॉन्चिंग का नजारा देखा।

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एमिसैट का मकसद पाकिस्तान की सीमा पर सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रखना है। एमिसैट के साथ रॉकेट 28 थर्ड पार्टी उपग्रहों को ले गया और तीन अलग-अलग कक्षों में नई प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी किया। अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन और स्विट्जरलैंड के एक-एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल हैं।

सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है। PSLV के ज़रिए अंतरिक्ष के तीन अलग-अलग कक्षों में इन सभी सैटेलाइट को पहुंचाया जाएगा। रॉकेट सबसे पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्ष में पहुंचाने का काम करेगा।

इसके बाद एमिसैट को उसकी कक्षा में स्थापित करने के बाद रॉकेट वापस नीचे आकर 504 किमी की ऊंचाई पर 28 सैटेलाइट को स्थापित करेगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब तीन अलग-अलग ऊंचाई पर रॉकेट के जरिए सैटेलाइट को उसके ऑर्बिट में स्थापित करने की कोशिश की गई है। रॉकेट बारी-बारी से सैटेलाइट्स को उनकी कक्षा में स्थापित करेगा।

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