मध्य एशिया में आतंक का पर्याय बने आतंकी शिहाब अल-मुहाजिर (Shihab al-Muhajir) को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जिसके तहत यूएन के महासचिव ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत- खोरासान (ISIL-K) के आतंकी शिहाब को भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका सहित मध्य एशिया के देशों में आतंकवादी गतिविधियों के अभियानों का नेता बताया है। जिसे पिछले साल जून में ही ISIL-K का नेता बनाया गया था। आतंकी शिहाब इससे पहले पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी संगठन हक्कानी का सदस्य रहा है।
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वाशिंगटन के ‘इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर’ के मुताबिक हक्कानी समूह नेटवर्क को पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठानों में से कुछ लोगों का समर्थन हासिल है और ये समूह अफगानिस्तान में लंबे समय से आतंकवादी संगठन के रूप में काम करता रहा है।
आतंकी संगठन आईएसआईएल-के (ISIL-K) को लेकर महासचिव ने अपनी 12वीं रिपोर्ट में कहा है कि इसके पास अफगानिस्तान के कई राज्यों में एक हजार से लेकर दो हजार की संख्या में लड़ाके हैं। इस संगठन को कई देशों में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) या दइश के नाम से भी जाना जाता है।
यूएन की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ISIL-K अफगानिस्तान के कुनार और नंगरहार सहित कई राज्यों में काफी सक्रिय है और इन राज्यों के बड़े इलाकों पर लगातार कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। हालहीं में इन इलाकों में हुये कई विस्फोटों की जिम्मेदारी इस संगठन ने ही ली है।
जिसके तहत ISIL-K ने पिछले साल मई माह में काबुल के प्रसूति अस्पताल, अगस्त में जलालाबाद शहर के जेल, नवम्बर में काबुल विश्वविद्यालय और दिसम्बर में नंगरहार राज्य में एक महिला पत्रकार की हत्या समेत कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। यूएन ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि अफगानिस्तान में अभी भी हजारों की तादात में मौजूद ISIL-K के लड़ाके काबुल सहित कई राज्यों की राजधानियों में हमले की फिराक में हैं।