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चीन सीमा पर होगी दुनिया की सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान की तैनाती, इस महीने के अंत तक भारत पहुंचेगा दुश्मनों का ‘काल’

Rafale Fighter Jet may in Ladakh sector amid border row with China. Pic Credit: @Dassault Aviation

चीन के साथ जारी तनाव के बीच वायुसेना (Indian Airforce) के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति पर चर्चा करेंगे। इस सप्ताह होने वाली बैठक के दौरान फ्रांस से मिलने वाले राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों की तैनाती और उनके परिचालन को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

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भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के अधिकारियों ने बताया कि शीर्ष कमांडर 22 जुलाई से शुरू होने वाले दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन में मिलेंगे। एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की अगुवाई में होने वाले इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा चीन के साथ सीमाओं पर स्थिति होगी। इस बैठक में सातों कमांडर-इन-चीफ भी मौजूद रहेंगे।

वायुसेना (Indian Airforce) ने अपने आधुनिक बेड़े में शामिल मिराज 2000, सुखोई-30, और मिग-29 के सभी उन्नत लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड बेस पर तैनात किया है, जहां से वे दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन कर रहे हैं। अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को चीन की सीमा के साथ फॉरवर्ड बेस पर तैनात किया गया है और रात के समय भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र पर लगातार उड़ान भर रहे है।

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के शीर्ष अधिकारी फ्रांस से इस महीने के अंत तक भारत पहुंचने वाले राफेल (Rafale) फाइटर जेट्स की तेजी से तैनाती और संचालन पर भी चर्चा करेगा। अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सबसे उन्नत जेट अपने प्रतिकूल परिस्थितियों में वायुसेना (Indian Airforce) की ताकत को बढ़ाने जा रहे हैं क्योंकि वे सबसे उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस हैं।

उन्होंने कहा कि फाइटर जेट्स में भारत स्पेसिफिक एनहांसमेंट के साथ-साथ लंबी दूरी के हथियार जैसे मीटर एयर टू एयर मिसाइल भारत को चीन और पाकिस्तान के मुकाबले बढ़त दिलाएंगे। भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) प्रमुख ने इस परियोजना के लिए भारतीय निगोशिएशन टीम के प्रमुख के रूप में भारत के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके तहत लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल (Rafale) जेट भारत आएंगे। राफेल (Rafale) के दो स्क्वाड्रून भी भारत की हवाई ताकत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।