Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

LoC पर संघर्ष विराम को लेकर भारत-पाकिस्तान ने जताई सहमति, जानें कैसे बनी बात

फाइल फोटो।

पाकिस्तानी सेना की तरफ से शांति प्रक्रिया शुरू करने का पहला संकेत मिला था। चीन के साथ अति नाजुक स्थिति के बावजूद एनएसए डोभाल (NSA Ajit Doval) इस मौके को हाथ से जाने देने के पक्ष में नहीं थे।

भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम (Ceasefire) पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई है। इस सिलसिले में दोनों ने संयुक्त बयान भी जारी किया। इस समझौते के पीछे नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) की अहम भूमिका रही।

सूत्रों के मुताबिक, डोभाल और इस्लामाबाद के उनके समकक्ष के बीच बैक-चैनल बातचीत हुई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। मामले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, अति गोपनीय तरीके से चल रही बातचीत का पहला नतीजा दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) का जारी साझा बयान है।

छत्तीसगढ़: नारायणपुर में सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, डीआरजी का एक जवान घायल

रक्षा मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में 25 फरवरी को जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों सेनाओं (भारत-पाक) के सैन्य संचालन (डीजीएमओ) के निदेशक ने बुधवार आधी रात से नियंत्रण रेखा पर सभी समझौतों, समझ और संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने पर सहमति जताई है। दोनों शीर्ष कमांडरों ने एक दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करने पर भी सहमति व्यक्त की।

दरअसल, एनएसए अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) और पाकिस्तान के एनएसए मोईन यूसुफ बैक चैनल के जरिये नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगातार बातचीत कर रहे थे। संयुक्त बयान इसी का हिस्सा है और तीसरे देश में कम से कम एक बार दोनों के बीच आमने-सामने बैठक भी हुई।

Balakot Air Strike: पुलवामा हमले के बदले की कहानी, पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर भारत ने बर्बाद किये कई आतंकी ठिकाने

एनएसए डोभाल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा डिविजन और रणनीतिक नीति नियोजन के विशेष सहायक, मोइद डब्ल्यू यूसुफ आपस में सीधे संपर्क में थे। हालांकि, इसके बारे में सरकार के एक छोटे से ग्रुप को ही जानकारी थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हैं। सिर्फ ये लोग ही दोनों के बीच में हो रही बातचीत के बारे में जानते थे।

ये भी देखें-

सूत्रों के अनुसार, दिसंबर महीने में जब पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ तानतनी चरम पर थी तब पाकिस्तानी सेना की तरफ से शांति प्रक्रिया शुरू करने का पहला संकेत मिला था। चीन के साथ अति नाजुक स्थिति के बावजूद एनएसए डोभाल (NSA Ajit Doval) इस मौके को हाथ से जाने देने के पक्ष में नहीं थे।