भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने (Gen MM Naravane) और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ बैठक करके म्यांमार (Myanmar) के साथ भारत के तटीय जहाजरानी (शिपिंग) समझौते को अंतिम रूप दिया। ये संबंध लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के बीच दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा। भारत और चीन (India China) के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर गतिरोध बना हुआ है।
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भारतीय सेना प्रमुख नरवने (Gen MM Naravane) और विदेश सचिव हर्षवर्धन ने म्यांमार (Myanmar) की मुखिया आंग सान सू की से मुलाकात की। उनके साथ राजदूत सौरभ कुमार भी मौजूद थे। इस दौरान दोनों देशों के बीच अहम द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा की गई। सूत्रों ने कहा कि म्यांमार के आम चुनाव से पहले हुई इस बैठक का उद्देश्य कलादान मल्टी–मॉडल परियोजना के शुभारंभ के लिए तटीय शिपिंग समझौते को अंतिम रूप देना और चीन समर्थित विद्रोही समूहों के खिलाफ सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करना है। म्यांमार में आठ नवंबर को चुनाव होंगे।
तटीय शिपिंग समझौते से भारतीय जहाज बंगाल की खाड़ी में सितावे बंदरगाह और कलादान नदी के बहुआयामी लिंक के माध्यम से मिजोरम तक पहुंच सकेंगे। सूत्रों ने कहा कि वाजपेयी सरकार द्वारा परिकल्पित ये परियोजना पिछले 20 सालों से लंबित थी।
सूत्रों ने कहा कि दोनों देशों ने मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भारत–म्यांमार (India-Myanmar) सीमा को चीन (China) समर्थित भारतीय विद्रोहियों और मादक पदार्थों के तस्करों को रोकने के लिए सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की। परेश बरुआ की अगुवाई वाला उल्फा चीन के युन्नान प्रांत में स्थित है। सूत्रों ने कहा कि शीर्ष अधिकारियों ने बांग्लादेश और म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी और पुनर्वास पर भी चर्चा की।