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भारत चीन सीमा पर अब और सैनिकों की नहीं होगी तैनाती, दोनों देशों की सेनाओं के बीच बनी सहमति

Talk between India China

India China Clash: चीन के साथ वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से चीनी सैनिकों को जल्द से जल्द और पूरी तरह से हटाये जाने पर बल दिया। ये बातचीत सीमा पर लंबे समय से जारी टकराव को दूर करने के लिए पांच-सूत्री द्विपक्षीय समझौते के क्रियान्वयन पर केंद्रित रही।

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वहीं भारत और चीन (India China) की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय किया है। छठे दौर की इस बातचीत के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने गहराई से विचारों का आदान–प्रदान किया और दोनों पक्ष (India China) अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए।

भारत-चीन (India China) में बनी सहमति

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से दोनों देशों (India China) के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को 14 घंटे तक बैठक चली थी। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी व गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने एवं जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए। इसमें कहा गया कि भारतीय और चीनी सेना ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने को सहमत हुईं जो स्थिति को जटिल बना सकती हैं।

इसके साथ ही दोनों पक्ष (India China) समस्याओं को उचित ढंग से सुलझाने‚ सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने पर सहमत हुए।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 10 सितंबर को मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्ष वांग यी के बीच हुए समझौते को निश्चित समय-सीमा में लागू करने पर जोर दिया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई भारतीय सेना की लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। पहली बार, सैन्य वार्ता से संबंधित भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हुए हैं।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। वह सीमा विषयक परामर्श एवं समन्वय कार्य प्रणाली के तहत चीन के साथ सीमा विवाद पर राजनयिक बातचीत में शामिल रहे हैं।