भारतीय एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) इजरायल (Israel) की तीन दिनों की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां वह दोनों सामरिक साझेदारों की वायु सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंध को प्रगाढ़ करने पर चर्चा करेंगे। हालांकि दोनों देशों के एयरफोर्स चीफ की मीटिंग पर पाकिस्तान और चीन की नजर है। उन्हें इस बात का भय है कि इजरायल की टेक्नोलॉजी से भारत दोनों देशों को कभी भी घुटने पर ला सकता है।
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इस्राइली एयरफोर्स (Israel Air Force) चीफ मेजर जनरल अमीकम नॉर्किन के निमंत्रण पर भदौरिया संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से इजरायल (Israel) पहुंचे। भारत, पश्चिम एशिया में इजरायल और यूएई, दोनों देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी रखता है।
एक सूत्र ने यरूशलम में बताया कि यह यात्रा दोनों सामरिक साझेदारों के बीच सामान्य पेशेवर विचार विमर्श का हिस्सा है और यह पिछले साल ही होनी थी लेकिन कोरोना के चलते इसमें देर हुई। दोनों देशों में महामारी की स्थिति में सुधार होने पर भारतीय एयर चीफ मार्शल हमारे बीच जारी सहयोग की समीक्षा करने के लिए यहां आए हैं।
इंडियन एयरफोर्स ने ट्विटर पर कहा, सामरिक साझेदारों के रूप में, भारत और इजरायल (Israel) के बीच मजबूत एवं बहुआयामी संबंध हैं, जिसका एक महत्वपूर्ण स्तंभ, रक्षा सहयोग और सैन्य स्तर पर आदान-प्रदान है।
एयरफोर्स ने कहा, दोनों पक्ष, दोनों देशों की एयरफोर्स के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान को और प्रगाढ़ करने तथा उसका दायरा बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि भारत और इजरायल के रिश्ते 1990 के दशक के बाद से काफी अच्छे रहे हैं। दोनों देशों के नेता एक-दूसरे के देशों में यात्रा करते रहते हैं। इसके अलावा, भारत और इजरायल के शीर्ष रक्षा अधिकारी भी एक-दूसरे के लगातार संपर्क में रहते हैं। 2015 के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में और प्रगाढ़ता आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2017 में इजरायल का दौरा किया था। 2018 में तत्कालिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 6 दिनों का भारत का विस्तृत दौरा किया था। हालांकि, इन सब के बाद भी संयुक्त राष्ट्र में भारत ने यरुशलम को इजरायल (Israel) की राजधानी के तौर पर मान्यता संबंधी प्रस्ताव के विरोध में वोट किया।