भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित कोविड रोधी दवा (2-deoxy-D-glucose) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना वायरस (Coronavirus) के मध्यम से गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है।
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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मेडिकल ट्रायल में ये बात सामने आई है कि 2-deoxy-D-glucose (2-DG) दवा अस्पताल में भर्ती कोरोना (Coronavirus) संक्रमित मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत को भी कम करती है।
डीआरडीओ (DRDO) ने इस दवा को अपने प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषिध व संबद्ध विज्ञान संस्थान (INMAS) ने हैदराबाद के डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है। जिसे 1 मई को डीसीजीआई (Drugs Controller General of India) ने कोरोना के मध्यम व गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए सहायक पद्धति के रूप में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी। ऐसे में सामान्य अणु और ग्लूकोज के अनुरूप होने की वजह से इसे भारी मात्रा में देश में ही तैयार किया जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डीआरडीओ (DRDO) की 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG)दवा कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित सेल में जमा हो जाती है और वायरस की वृद्धि को रोकती है। वायरस से संक्रमित सेल पर चुनिंदा तरीके से काम करना इस दवा को खास बनाता है।