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कोरोना के नये आकंड़ों में खुलासा: 80 फीसदी नये मामलों के लिए डेल्‍टा वेरियंट जिम्मेदार, जानें- मौजूदा वैक्सीन कितना असरदार?

देश में कोविड–19 की दूसरी लहर के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) मुख्य रूप से जिम्मेदार था जिसके कारण संक्रमण के 80 फीसदी से ज्यादा नए मामले सामने आए। ‘सार्स–सीओवी–2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ के सह अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर वायरस का कोई अधिक संक्रामक स्वरूप आता है तो संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।

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वायरस का डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) अपने पूर्ववर्ती अल्फा स्वरूप से 40-60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है और ब्रिटेन‚ अमेरिका व सिंगापुर समेत 80 से ज्यादा देशों में पहले ही फैल चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार डॉ. अरोडा ने कहा कि ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (AY.1 और AY.2) अब तक महाराष्ट्र‚ तमिलनाड़ु और मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है।

डॉ अरोड़ा के अनुसार, अभी वायरस के इस स्वरूप की संक्रामक क्षमता और टीके के इस पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा‚ ‘कोविड–19 के ‘B1.617.2′ स्वरूप को डेल्टा वायरस (Delta Variant) के नाम से जाना जाता है। पहली बार भारत में अक्टूबर 2020 में इसका पता चला था। देश में दूसरी लहर के लिए यह मुख्य रूप से जिम्मेदार है। आज कोविड–19 के 80 फीसदी से ज्यादा मामले इसके कारण सामने आ रहे हैं।

गौरतलब है कि वायरस का यह स्वरूप यह महाराष्ट्र में पहली बार सामने आया था और पश्चिमी राज्यों से होते हुए उत्तर की ओर बढ़ा जिसके बाद मध्य और पूर्वी भारत में इसके संक्रमण के मामले सामने आए।

डॉ. अरोड़ा के मुताबिक‚ मानव कोशिका पर हमला करने के बाद यह वायरस तेजी से खुद को दोहराता है। इससे फेफड़े जैसे अंगों में सूजन आ जाती है। डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) से उपजी बीमारी अधिक गंभीर है‚ इसके बारे में कहना कठिन है। भारत में दूसरी लहर के दौरान आयु वर्ग और मौत के आंकड़े लगभग उतने ही थे जितने पहली लहर में थे।