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11 महीनों में दिल्ली ने खोए अपने 3 मुख्यमंत्री, अजब है संयोग

11 महीने से भी कम वक्त में दिल्ली के तीन मुख्यमंत्रियों का निधन। फाइल फोटो।

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के साथ ही दिल्ली ने 11 महीने से भी कम वक्त में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्री खो दिए हैं। सुषमा स्वराज अक्टूबर 1998 से दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 6 अगस्त को उनका निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने देर रात दम तोड़ दिया। आज सुबह अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा जिसके बाद दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा।

वहीं, सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं शीला दीक्षित। इन्होंने 15 साल तक दिल्ली में सत्ता संभाली। इनका निधन इसी साल जुलाई में हुआ था।  तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का इस साल जुलाई में हृदय गति रूक जाने से निधन हो गया था।

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यह संयोग ही है कि दिल्ली की दोनों पूर्व महिला मुख्यमंत्रियों का 18 दिनों के भीतर निधन हो गया। दिल्लीवालों ने इतने कम अंतराल में अपने जमाने में प्रसिद्ध रहीं दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया। शीला दीक्षित के निधन के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर शोक जताया था सुषमा ने लिखा था, ‘शीला दीक्षित के अचानक निधन के बारे में जानकर दुखी हूं। हम राजनीति में विरोधी थे, लेकिन निजी जीवन में दोस्त थे। वह एक बेहतरीन इंसान थीं।’

साल 2015 में आम आदमी पार्टी के हाथों दिल्ली में करारी हार मिलने के बाद शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि वर्ष 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल भी नियुक्त किया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

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इसके अलावा 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे मदन लाल खुराना का निधन पिछले साल 27 अक्टूबर को हो गया था। इस तरह दिल्ली ने 11 महीने से भी कम समय के अंतराल में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया। मदनलाल खुराना 1993 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और 1996 में इस्तीफा देने तक इस पद पर रहे। मदनलाल खुराना अपने राजनीतिक करियर के ऊंचाई पर रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में अभी अपनी सेवाएं दी। वह 14 जनवरी से 28 अक्टूबर 2004 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे।

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