दोरनापाल इलाका दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में आता है। पहले दोरनापाल जाने के लिए अरनपुर से दूसरे जिले सुकमा में जाना पड़ता और फिर वहां से घूमकर आना पड़ता था।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) में नक्सलियों (Naxals) को कमजोर करने की पूरी तैयारी है। इसी कड़ी में पिछले 15 सालों से नक्सलियों के कब्जे में रही करीब 8 किमी लंबी कोंडासावली से जगरगुंडा तक की सड़क को जवानों ने नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया। अब 19 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए ग्रामीणों को 80 किमी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
बता दें कि अरनपुर से कोंडासवली के लिए 19 किमी लंबी सड़क निर्माण होना था। इसमें से दंतेवाड़ा से कोंडासावली तक 11 किमी सड़क पहले ही बन चुकी थी। जबकि 8 किमी में पिछले करीब 15 साल से नक्सलियों का कब्जा था। उन्होंने सड़क को 100 से ज्यादा जगहों से काट दिया था। करीब 5 साल से इस सड़क के निर्माण का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन नक्सलियों की लगातार मौजूदगी इसे करने नहीं दे रही थी
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नक्सलियों की नापाक हरकतों को देखते हुए कामरगुड़ा में CRPF कैंप खोला गया। इसके बाद जवानों की देखरेख में सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ। जवानों ने इस सड़क को डबल लेन का बना दिया है। इसके बाद न सिर्फ बाइक, बल्कि बड़े वाहन भी आ-जा सकेंगे। यह जगरगुंडा से दंतेवाड़ा को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है। अब दोरनापाल और दंतेवाड़ा दोनों जगहों से जगरगुंडा जुड़ जाएगा।
गौरतलब है कि दोरनापाल इलाका दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में आता है। पहले दोरनापाल जाने के लिए अरनपुर से दूसरे जिले सुकमा में जाना पड़ता और फिर वहां से घूमकर आना पड़ता था।
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ऐसे में 19 किमी का सफर तय करने के लिए ग्रामीणों को 80 किमी का चक्कर लगाना पड़ता था। सड़क खुलने के बाद 1 दिसंबर की सुबह बाइक पर सवार हो कर दंतेवाड़ा के SP अभिषेक पल्लव खुद जगरगुंडा पहुंचे और सड़क का मुआयना किया।
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एसपी अभिषेक पल्लव के मुताबिक, “15 साल बाद जगरगुंडा सड़क खुली है। अब फोरव्हीलर्स भी पहुंच पा रहीं है। बीमार लोगो को गाड़ियां चलने से जवानों ने अस्पताल में भर्ती करवाया है। इस सड़क के बनने के बाद अब नक्सल इलाके में लोगों की राह आसान हो जाएगी।”