
China Moon Mission 2020
पिछले 40 सालों में किसी देश का अंतरिक्ष से नमूने लाने की यह पहली कोशिश है। इस मिशन (China Moon Mission 2020) सफल होने पर चीन चांद से नमूने लाने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा।
चीन का मानवरहित स्पेसक्राफ्ट 1 दिसंबर को चांद की सतह पर लैंड कर गया। चीन के इस मिशन (China Moon Mission 2020) का मकसद चंद्रमा के बारे में वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी हासिल करने में मदद करना है। इसके लिए ये यान चांद से सैंपल जुटाएगा। इसके बाद यह पृथ्वी पर आएगा। इस पूरे मिशन में लगभग 20 दिनों का समय लगेगा।
चीन के स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह यान चांद की सतह से नमूने एकत्रित करेगा। चीन ने 24 नवंबर को अपना ‘Chang’e-5’ मिशन शुरू किया था। इसका नाम चंद्रमा की पौराणिक चीनी देवी के नाम पर रखा गया है। यह स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और रिटर्नर से मिलकर बना है। यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने पर अपना एक लैंडर वहां उतारेगा।
लैंडर चांद की जमीन में खुदाई करके मिट्टी और चट्टान निकालेगा। फिर इस नमूने को लेकर एसेंडर के पास जाएगा। एसेंडर नमूने लेकर चंद्रमा की सतह से उड़ेगा और अंतरिक्ष में चक्कर काट रहे अपने मुख्य यान से जुड़ जाएगा। चीन का मुख्य अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के नमूने को एक कैप्सूल में रखेगा और उसे फिर पृथ्वी के लिए रवाना कर देगा। यान 187 फुट लम्बा और 870 टन वजनी है।
बता दें कि चीन से पहले अमेरिका और सोवियत संघ के मिशन में अंतरिक्ष यात्री भेजे गए थे, लेकिन चीन का मिशन (China Moon Mission 2020) कई तरह से चुनौती भरा है। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी डायरेक्टर पे झॉयू के मुताबिक, “हमारा मिशन थोड़ा कॉम्प्लीकेटेड है, क्योंकि इसमें कोई इंसान शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है। हमारा स्पेसक्राफ्ट रोबोटिक है, जो अंतरिक्ष से नमूने लाएगा। यह मिशन चीन में विज्ञान और तकनीक के विकास को आगे बढ़ाएगा। यह देश में स्पेस से जुड़ी नई चीजों को सामने लाने में मदद करेगा।”
चीन (China) का यह स्पेसक्राफ्ट, ओशियस प्रोसेलरम या ‘ओशन ऑफ स्टॉर्म्स’ कहे जाने वाले चांद के विशाल लावा मैदान से दो किलोग्राम सैंपल इकट्ठा करने की कोशिश करेगा, जहां इसके पहले पहुंचने का प्रयास नहीं किया गया है। बता दें कि पिछले 40 सालों में किसी देश का अंतरिक्ष से नमूने लाने की यह पहली कोशिश है। इस मिशन (China Moon Mission 2020) सफल होने पर चीन चांद से नमूने लाने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका और सोवियत संघ चांद के नमूने लाने के लिए अंतरिक्ष यात्री भेज चुके हैं।
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