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चीन ने बनाया नया ‘बायो सिक्योरिटी कानून’, जानें कब होगा लागू

फाइल फोटो।

साल 2002-2003 में सार्स के संक्रमण के बाद भी चीन (China) ने एक सूचना तंत्र स्थापित किया था, जिससे नए संक्रमणों की रियल-टाइम सूचना मिल सके।

चीन (China) ने नया ‘बायो सिक्योरिटी कानून’ बनाया है, जिसमें लोगों को अधिकार दिया गया है कि वे “बायो सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाली किसी भी गतिविधि” के बारे में सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा कहा गया है कि समय रहते बचाव वाले कदम उठाए जाने चाहिए जैसे कि किसी जोखिम की सक्रिय तौर पर निगरानी करना और उसके लिए पहले ही आपातकालीन योजनाएं बनाना। चीन में नया कानून अगले साल 15 अप्रैल से लागू हो जाएगा।

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने फरवरी में ही इस तरह का कानून बनाए जाने की मंशा जताई थी। उनका मकसद ऐसे सुधार किया जाना था जिनसे भविष्य में बड़े संक्रमणों और महामारियों को समय रहते रोका जा सके। नए कानून में ऐसी जानकारी छिपाने, उसकी रिपोर्ट ना करने या दूसरों को ऐसा करने से रोकने वालों को चेतावनी दिए जाने से लेकर बर्खास्त किए जाने तक की व्यवस्था है।

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नया कानून लागू हो जाने के बाद चीन (China) में भविष्य में ऐसे किसी भी संक्रमण की सूचना मिलते ही उसके पैदा होने की जगह और स्थिति का पता लगाने के साथ-साथ उससे जुड़े खतरों को नियमित निगरानी करना कानूनन अनिवार्य होगा। बीमारियों की रोकथाम के लिए काम करने वाली एजेंसियों को भी नई बामारियों के संक्रामक होने की संभावना को लेकर समय रहते भविष्यवाणी करनी होगी। इसके आधार पर प्रशासन कुछ चेतावनियां और बचाव के तरीके सुझा सकेगा।

साल 2002-2003 में सार्स के संक्रमण के बाद भी चीन ने एक सूचना तंत्र स्थापित किया था, जिससे नए संक्रमणों की रियल-टाइम सूचना मिल सके। संक्रामक बीमारियों और महामारियों के बारे में बनाए गए इस नए कानून के अनुसार, जब भी इस बारे में रिपोर्ट किया जाना चाहिए तो न किसी कार्यालय और न ही किसी व्यक्ति को इसे छुपाना चाहिए। इसके अलावा न ही किसी और को ऐसी रिपोर्ट करने से रोकना चाहिए।

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बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले अपने कोरोना वायरस (Coronavirus)  के बारे में सतर्क करने वाले चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग को सरकार ने आधिकारिक रूप से फटकार लगाई थी। फिर जब बीमारी के कारण उसी डॉक्टर की मौत हो गई तो उसके लिए देश भर से दुख भरे संदेशों में उसके साथ सरकारी बर्ताव पर गुस्सा जताया गया था। इसके बाद चीनी प्रशासन ने अपने रुख से पलटते हुए डॉक्टर की मौत के लिए स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन की निंदा की और ली को एक हीरो का दर्जा दिया था।

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गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को लेकर विश्व के तमाम देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। सब जानते हैं कि चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस के शुरूआती संक्रमण और उससे जुड़े खतरे को छिपाने का काम किया था। इतना ही नहीं जिन लोगों ने कोरोना के बारे में जानकारी देनी चाही, उनकी आवाज को दबा दिया गया। हालांकि, चीन इस बात से इनकार करता रहा है।