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भारत के बाद अब अमेरिका से भी पंगा ले रहा चीन, रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

फाइल फोटो।

खबर आ रही है कि चीन (China)  ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाना शुरू कर दिया है। यही नहीं, वह दूसरे देशों में अपने सैन्य ठिकाने भी बढ़ा रहा है, जहां से अमेरिका को निशाना बनाया जा सके।

चीन (China) ने लद्दाख सीमा (Ladakh Border) के अलावा अन्य सीमाओं पर भी अपनी हलचल बढ़ा दी है। ड्रैगन ने हाल मही में चीनी सैनिकों ने फिर से भारतीय सीमा में फिर से घुसपैठ करने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय जवानों ने उनके नापाक मंसूबे को नाकाम कर दिया। भारत के साथ-साथ चीन अब अमेरिका (America) से भी उलझने की कोशिश कर रहा है।

खबर आ रही है कि चीन (China)  ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाना शुरू कर दिया है। यही नहीं, वह दूसरे देशों में अपने सैन्य ठिकाने भी बढ़ा रहा है, जहां से अमेरिका को निशाना बनाया जा सके। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने चीनी सेना की सालाना रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई है कि चीन वैश्विक सुपर पावर बनने के लिए ऐसा कर रहा है।

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पेंटागन की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग इलाके में झड़प के साथ भारत से उसका सैन्य तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिका भी भारत की सीमा पर चीनी हरकतों को बारीकी से परख रहा है। पेंटागन ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत के तीन पड़ोसी देशों समेत करीब एक दर्जन देशों में चीन मजबूत ठिकाना स्थापित करने का प्रयास कर रहा है ताकि वह लंबी दूरी से भी अपना सैन्य दबदबा बनाए रख सके।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तीन पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यामांर के अलावा चीन, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), केन्या, सेशल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान में अपने ठिकाने बनाने पर विचार कर रहा है। पेंटागन के अनुसार, ये संभावित चीनी ठिकाने जिबूती में चीनी सैन्य अड्डे के अलावा हैं, जिनका उद्देश्य नौसेना, वायु सेना और जमीनी बल की कार्यों को और मजबूती प्रदान करना है।

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पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा, ‘दुनियाभर में PLA (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के सैन्य अड्डों का नेटवर्क अमेरिकी मिलिट्री ऑपरेशनों में हस्तक्षेप कर सकता है और चीन (China) के वैश्विक सैन्य उद्देश्यों के तहत अमेरिका के खिलाफ आक्रामक ऑपरेशनों का समर्थन कर सकता है।’ चीन ने पहले ही नामीबिया, वनुआटू और सोलोमन द्वीपों पर पहले से ही अपना कब्जा जमा लिया है।

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पेंटागन ने कहा कि बीजिंग अपने विकास के लिए वैश्विक परिवहन और व्यापार संबंधों का विस्तार करने और अपनी परिधि तथा उसके बाहर देशों के साथ अपने आर्थिक एकीकरण को गहरा करने की राष्ट्रीय कायाकल्प की अपनी रणनीति को सफल बनाने के लिए वन बेल्ट वन रोड (OBOR) का सहारा लेता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 10 साल में चीन (China) अपनी परमाणु ताकत का विस्तार करेगा और अपने हथियारों को लगभग दोगुना कर लेगा।