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छत्तीसगढ़: अबूझमाड़ के जंगलों में भी बच नहीं पाएंगे नक्सली, मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों ने कसी कमर

सांकेतिक तस्वीर

अब नक्सलियों (Naxalites) को ये बात अच्छी तरह समझ आ गई है कि अबूझमाड़ के जंगलों में भी वह फोर्स से नहीं बच सकते। अबूझमाड़ का जंगल मध्यभारत के सबसे दुर्गम जंगलों में से एक है।

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इस बीच खबर मिली है कि नक्सलियों के लिए सेफ जोन माना जाने वाला अबूझमाड़ का जंगल भी सुरक्षाबलों की नजर से बच नहीं पाएगा।

बता दें कि अबूझमाड़ का जंगल मध्यभारत के सबसे दुर्गम जंगलों में से एक है। यह 44 सौ वर्ग किमी में फैला है। यहां सरकारी योजनाओं की बात तो दूर, मूलभूत जरूरतें भी मिलना मुश्किल हैं। इसी बात का फायदा नक्सली उठाते हैं और यहां अपना ठिकाना बनाते हैं।

हालांकि अब सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद हैं और जवान इन जंगलों में भी नक्सलियों को खोज रहे हैं। पुलिस ने इसी साल कोहकामेटा थाना दोबारा शुरू किया है, ये वही थाना है जिसे एक दशक पहले नक्सलियों ने बंद करवा दिया था।

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इसके अलावा आकाबेड़ा, सोनपुर, बासिंग व कुकड़ाझोर में फोर्स के कैंप बन गए हैं। पिछले मंगलवार को ऑपरेशन संगम के तहत कांकेर व नारायणपुर से फोर्स माड़ के जंगल में घुसी थी। इस दौरान जवान सघन जंगलों में काफी दूर तक पहुंचे। जवानों ने नक्सलियों के 7 ठिकानों को ध्वस्त भी किया।

इस ऑपरेशन में करीब 7 सौ जवान शामिल हुए थे। इस ऑपरेशन के दौरान डीआरजी का एक जवान शहीद हुए था और एक घायल हुआ था। अब नक्सलियों को ये बात अच्छी तरह समझ आ गई है कि अबूझमाड़ के जंगलों में भी वह फोर्स से नहीं बच सकते।