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छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में 3 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर, बड़ा भाई भी था नक्सली

सरेंडर करने वाले नक्सली (Naxali) कोसा मुचाकी ने बताया कि उसका बड़ा भाई भी नक्सली संगठन (Naxalite)  में शामिल था। साल 2016 में एक एनकाउंटर में वह मारा गया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ कामयाबी मिली है। जिले में 3 लाख रुपए के इनामी नक्सली (Naxali) ने सरेंडर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, डूमाम एलओएस डिप्टी कमांडर कोसा मुचाकी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इस नक्सली ने अपने ही गांव बड़े गुडरा में स्थित सीआरपीएफ (CRPF) 195वीं बटालियन कैंप जाकर अफसरों के सामने सरेंडर करने की इच्छा जताई।

इसके बाद अफसरों ने बटालियन के सीओ और जिले के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को सूचना दी। जिसके बाद इस नक्सली ने पुलिस और CRPF के अधुकारियों की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया। नक्सली (Naxalites) कोसा कटेकल्याण एरिया कमिटी का सक्रिय सदस्य रहा है। कमांडर मंगतू के कहने पर साल 2014 को नक्सल संगठन में संघम सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था।

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4 साल बाद कटेकल्याण एरिया कमेटी डूमाम एलओएस का डिप्टी कमांडर बनाया गया। आगजनी, हत्या, सड़क काटने, नक्सल विचारधारा का प्रचार करने जैसी कई घटनाओं में शामिल रहा है। सरेंडर करने वाले नक्सली (Naxali) कोसा मुचाकी ने बताया कि उसका बड़ा भाई भी नक्सली संगठन (Naxalite)  में शामिल था। साल 2016 में एक एनकाउंटर में वह मारा गया।

कोसा ने आगे कहा, “अब पुलिस घर वापसी अभियान चला रही है। मैं भाई की तरह नहीं मरना चाहता हूं, इसलिए हिंसा का हथियार आप सभी के सामने डालकर सरेंडर कर रहा हूं।”

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पुलिस और CRPF के अधिकारियों ने नक्सली (Naxali) कोसा के सरेंडर करने के फैसले का स्वागत किया। सरेंडर करने पर उसे 10,000 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी गई। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि ‘लोन वर्राटू अभियान’ से प्रभावित होकर कई नक्सली संगठन छोड़ घर लौट रहे हैं। 3 लाख का इनामी नक्सली कोसा की भी घर वापसी हुई है।