2006 में नक्सलियों और सलवा जुडूम कैंप के बीच हुए हमलों में आदिवासी फंस गए थे। इसी दौरान एर्राबोर हत्याकांड हुआ था। कहा जाता है कि नक्सलियों (Naxalite Attack) ने राहत शिविर पर हमला किया था, जिसमें 32 आदिवासी मारे गए थे। इन आदिवासियों में कई महिलाएं और बच्चे थे।
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सली हमले (Naxalite Attack) में मारे गए 32 आदिवासियों के परिवारों को 14 साल बाद राहत दी है। सरकार ने 14 साल बाद इन परिवारों को मुआवजे का ऐलान किया है। इन परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। ये बैठक सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की बैठक में हुई। इस बैठक में शामिल होने वाले कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि एर्राबोर मर्डर केस में जो परिवार प्रभावित हुए थे, उन्हें 4-4 लाख रुपए देने का फैसला किया गया है।
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बता दें कि 2006 में नक्सलियों और सलवा जुडूम कैंप के बीच हुए हमलों में आदिवासी फंस गए थे। इसी दौरान एर्राबोर हत्याकांड हुआ था। कहा जाता है कि नक्सलियों ने राहत शिविर पर हमला किया था, जिसमें 32 आदिवासी मारे गए थे। इन आदिवासियों में कई महिलाएं और बच्चे थे।
मिली जानकारी के मुताबिक जिन नक्सलियों ने हमला किया था, वह आंध्र प्रदेश के थे और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) से जुड़े थे।
हमला करने के अलावा इन लोगों ने कई ग्रामीणों को बंधक बना लिया था। इस हमले के बाद भी सरकार ने पीड़ित परिवारों को एक लाख रुपए की मदद दी थी।