बिहार (Bihar) के जमुई जिले में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए संयुक्त सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल हुई। सुरक्षाबलों ने जिले के चकाई थाना क्षेत्र के राजा डूंगर गांव से भाकपा माओवादियों की चरका पत्थर एरिया कमिटी के एरिया कमांडर (Naxal Area Commander) मोतीलाल सोरेन उर्फ मुक्ति उर्फ मोती मरांडी उर्फ मुनीलाल सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सर्च अभियान चलाकर नक्सली कमांडर (Naxal Area Commander) को चकाई थाना के राजाडूमर इलाके से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को लंबे समय से थी तलाश: गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली (Hard Core Naxali) के विरुद्ध जमुई और लखीसराय जिले के अलग-अलग थानों में एक दर्जन से अधिक नक्सली कांड को लेकर मामले दर्ज हैं। पुलिस को लंबे समय से मोतीलाल सोरेन की तलाश थी। कुछ महीने पहले पुलिसिया दबिश और गिरफ्तारी के डर से मोतीलाल बंगलोर भाग गया था। वह कुछ दिन पहले ही वापस लौटा था।
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सुरक्षाबलों की कई टीमों ने चलाया था तलाशी अभियान: जानकारी के मुताबिक, जमुई पुलिस (Police) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा सीमावर्ती इलाकों में सर्च अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान राजा डूंगर गांव से चरका पत्थर एरिया कमेटी के एरिया कमांडर (Naxal Area Commander) को गिरफ्तार किया गया। जमुई एसपी के निर्देश पर एएसपी अभियान के नेतृत्व में सुरक्षाबलों की कई टीमों ने चकाई-चरकापत्थर थाना क्षेत्र के राजाडूमर, हांसिकोल, गरुड़बाद, खिजरा बंदरमारा के जंगली और पहाड़ी क्षेत्रों में अभियान चलाया था।
सुरंग यादव के आत्मसमर्पण के बाद बना एरिया कमांडर: गिरफ्तार नक्सली साल 2007 से ही नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में शामिल है। चरका पत्थर एरिया कमांडर सुरंग यादव के आत्मसमर्पण करने के बाद इसे वहां का एरिया कमांडर (Naxal Area Commander) बनाया गया था।
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एक दर्जन से अधिक मामले हैं दर्ज: गिरफ्तार किए गए नक्सली मोतीलाल सोरेन पर जमुई जिला के साथ लखीसराय जिले में के अलग-अलग थानों में नक्सली वारदातों के लगभग 14 मामले दर्ज हैं। इनमें साल 2019 में चकाई इलाके गए गरूड़बाद गांव का नक्सली हमला (Naxal Attack) शामिल है। इस हमले में दो ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा, साल 2017 में जमुई-नवादा सीमा क्षेत्र के गायघाट जंगलों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में गिरफ्तार नक्सली मोतीलाल की मुख्य भूमिका थी।
शव के नीचे लगाया था आईईडी बम: साल 2013 में खैरा थाना इलाके में गिद्धेश्वर जंगल में घात लगाकर पुलिस बल के हमले के बाद मुठभेड़ में भी यह नक्सली (Naxali) शामिल था। इस मुठभेड़ में एसटीएफ (STF) के जवान अंशुमान कुमार शहीद हुए थे, जबकि दो अन्य जवान घायल हो गए थे। इतना ही नहीं, जमुई जिले के चंद्रमण्डीह इलाके के एक जंगल में फेरीवाले की हत्या करने के बाद उसके शव के नीचे आईईडी (IED) बम लगाकर पुलिस को टारगेट बनाने में भी मोतीलाल शामिल था। इस वारदात में तत्कालीन चंद्रमण्डीह थाना अध्यक्ष घायल हो गए थे।
साल 2007 से नक्सली संगठन में है सक्रिय: एएसपी अभियान सुधांशु कुमार के मुताबिक, जिला पुलिस बल, एंटी नक्सली सेल, सीआरपीएफ और एसएसबी के द्वारा चलाए गए सर्च अभियान में इसकी गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार नक्सली 2007 से ही नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है जिसके नेतृत्व में जिले में कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया गया है। गिरफ्तार नक्सली जो कि चरका पत्थर इलाके का एरिया कमांडर है उससे पुलिस पूछताछ कर रही है जिसके बाद संगठन के बारे में और भी जानकारी सामने आएगी।