नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) में बनाए गए मतदान केंद्रों को अर्द्धसैनिक बल के जिम्मे सौंपा गया है। साथ ही रोड ओपनिंग टीम भी बनाई गई है।
बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रदेश में 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है। गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) में शांतिपूर्ण मतदान कराना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) में बनाए गए मतदान केंद्रों को अर्द्धसैनिक बल के जिम्मे सौंपा गया है। साथ ही रोड ओपनिंग टीम भी बनाई गई है। मतदान के पहले यह टीम सड़कों की सुरक्षा करेगी। जानकारी के मुताबिक, अर्द्धसैनिक बलों की ही एक विशेष टीम का नाम रोड ओपनिंग टीम रखा गया है।
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यह टीम वोटिंग के एक दिन पहले से ही मतदान केंद्रों के आसपास की सड़कों की गहन निगरानी करेगी ताकि नक्सली (Naxals) सड़कों को क्षति न पहुंचा सकें। बूथ से जुड़े गांव के लोग और प्रशासन की गाड़ियां आसानी से मतदान केंद्र तक पहुंच सकें। जिले के नक्सल प्रभावित करीब 50 प्रतिशत बूथ अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिए गए हैं।
इन बूथों पर जिला प्रशासन के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों की भी कड़ी निगरानी रहेगी। नक्सल प्रभावित इलाकों के संवेदनशील बूथों पर प्रशासन ने अपने मुखबिरों को भी अलर्ट कर दिया है। जिला पुलिस का कहना है कि उन्हें हर पल की जानकारी मिल रही है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए अर्द्धसैनिक बलों की विशेष टीम को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) में एरिया डॉमिनेशन के लिए अलग से लगाया गया है।
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सीआरपीएफ (CRPF) और जिला प्रशासन इस काम में जुटी है। जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में 50 से अधिक कंपनियां डोमिनेशन के काम में जुटी हैं। इस काम में जुटे जवान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। महिला मतदान केंद्रों पर बूथ के अंदर सिर्फ महिलाएं होंगी। वहीं, बूथ के बाहर की सुरक्षा पुरुष जवान करेंगे। नक्सल प्रभावित सभी क्षेत्रों में यही प्रभावी रहेगा।
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जिल के एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि नक्सल क्षेत्र (Naxal Area) हो या फिर सामान्य इलाका, सभी जगह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। पर्याप्त संख्या में बिहार पुलिस और अर्द्धसैनिक बल मुख्यालय की ओर से तैनात किए गए हैं। अर्द्धसैनिक बलों की 100 से अधिक कंपनियां कार्य कर रही हैं। बड़ी संख्या में उड़न दस्ता टीम भी जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान के दिन मुस्तैद रहेंगी।