भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को हर मोर्चे पर पटकनी देने को पूरी तरह कमर कस चुका है। पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने के लिए भारत तीन स्तर पर अपने पड़ोसी को घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है। पहला, नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमा और जम्मू-कश्मीर के भीतर सुरक्षाबलों का ऑपरेशन, सतर्कता तथा सैन्य प्रयास। दूसरा फॉर्मूला, अंतरराष्ट्रीय स्तर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद तथा इस आतंकवाद को संरक्षण देने में स्टेट की भूमिका को उजागर करना। तीसरा प्रयास, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली सैन्य सहायता, आर्थिक सहायता तथा अन्य के लिए बाधा खड़ी करना।
पाकिस्तान को आतंकवाद को सह देने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना। पाकिस्तान की तरफ से रोज आते बयानों से यह साफ जहिर है कि वह लगातार जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने और लोगों को भड़काने के प्रयासों में लगा है। जबकि दुनिया के देश इसे भारत का आंतरिक मामला मान रहे हैं। गौरतलब है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्ति की घोषणा के बाद से पाकिस्तान रोजाना तरह-तरह की धमकी दे रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ने के बाद अब अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि, नई दिल्ली लगातार उच्च स्तर पर संवेदनशीलता बरत रही है।
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रूस के बाद इन दिनों फ्रांस में हैं। वहां वे अपने समकक्ष के साथ सामरिक साझेदारी बढ़ाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। एनएसए प्रधानमंत्री के फ्रांस से लौटने के बाद वहां पहुंचे हैं। साथ में विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विजय गोखले लगातार विदेशनीति और कूटनीति के प्रयासों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। भारत की पूरी कोशिश कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान को बेनकाब करने की है। उधर सुरक्षाबल भी हर मोर्चे पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान से घुसपैठ और आतंकवाद बढ़ने की आशंका जताई है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बाद भारतीय नौसेना ने गुजरात के कच्छ से लेकर कोच्चि के तटों और अरब सागर तक कमांडो के वेश में घुसपैठ करने वाले संभावित आतंकियों की निगरानी तेज कर दी है। सेना मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से लगती नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी उच्च स्तर की सतर्कता बरती जा रही है। सैन्य सूत्रों को इस बार घुसपैठ बढ़ने की आशंका है।
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