अमेरिका (America) में इस तरह के हिंसा की खबर पूरी दुनिया में फैल गई। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो समेत अन्य कई राष्ट्रप्रमुखों ने इस हिंसा की निंदा की और अमेरिकी इतिहास के लिए काला दिन बताया।
अमेरिका (America) में जैसे-जैसे नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के शपथ लेने के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थक हिंसा पर उतारू हो रहे हैं। इस सियासी खींचतान की वजह से 6 जनवरी को ट्रंप समर्थकों ने व्हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग के बाहर हिंसा की। इस दौरान ट्रंप समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई।
इस हिंसा में एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई है। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इसको देखते हुए वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा के मद्देनजर वाशिंगटन में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया।
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जब भारत में देर रात का वक्त था उस वक्त हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुस गए, यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और कब्जा कर लिया। हालांकि, लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया।
दरअसल, कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी, जिसके तहत जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर की तैयारी थी। इसी दौरान हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया। यहां डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी।
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जब ट्रंप समर्थकों ने अपना मार्च निकालना शुरू किया तो हंगामा होते देख सुरक्षा को बढ़ाया गया। लेकिन ये बवाल थमा नहीं। सुरक्षाबलों ने इस दौरान उन्हें रोकने के लिए लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि कैपिटल हिल के परिसर में ही इस पूरे बवाल के दौरान एक महिला ट्रंप समर्थक को गोली लग गई, जिसकी वहां पर ही मौत हो गई।
जब पूरे इलाके को खाली करवाया गया तो ट्रंप समर्थकों के पास बंदूकों के अलावा अन्य खतरनाक चीजें भी मौजूद थीं। हालांकि, जब वॉशिंगटन में पूरा बवाल चल रहा था तब डोनाल्ड ट्रंप शांत रहे। लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें यूएस कैपिटल में अपने समर्थकों को ट्रंप ने संबोधित किया था।
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इस वीडियो को पहले ट्विटर और फिर फेसबुक ने भी हटा दिया है। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंटीग्रिटी जी रोसेन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनका मानना है कि ये वीडियो हिंसा को कम करने की बजाए बढ़ाने में योगदान दे रहा था। लिहाजा इस वीडियो को हटा दिया गया है।
बता दें कि 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है। अमेरिका (America) के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इतना हंगामा हुआ है और इस तरह की हिंसा हुई है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस विवाद की निंदा की है। जो बाइडेन ने कहा कि ट्रंप को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने भी इस तरह की हिंसा की निंदा की है।
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अमेरिका (America) में इस तरह के हिंसा की खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गई। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो समेत अन्य कई राष्ट्रप्रमुखों ने इस हिंसा की निंदा की और अमेरिकी इतिहास के लिए काला दिन बताया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी अमेरिका में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है।