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अभिनंदन जैसी ही है कैप्टन के. नचिकेता की कहानी

विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान और कैप्टन के. नचिकेता की कहानी एक जैसी ही है। करगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के कैप्टन के. नचिकेता को पाकिस्तानी सेना ने कैद कर लिया था। ये वाक़या तब हुआ जब MIG-27 से रॉकेट दाग रहे थे। इसी बीच प्लेन का इंजन खराब हो गया था जिसके चलते नचिकेता पाकिस्तानी सेना के क़ब्ज़े में आ गए। गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने नचिकेता के साथ मानसिक एवं शारीरिक शोषण किया। इन्हें मारा पीटा गया। सेना की खुफिया जानकारी लेने की हर मुमकिन कोशिश की गई। लेकिन पाकिस्तान को सिर्फ़ निराशा ही हाथ लगी। करगिल वॉर के दौरान वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के. नचिकेता इकलौते युद्धबंदी थे।

गिरफ़्तारी के एक सप्ताह बाद पाकिस्तान ने नचिकेता को रिहा किया। उस वक़्त पाकिस्तान चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा था कि देखो उसके पास कितना बड़ा दिल है। पाकिस्तान नचिकेता का प्रेस कांफ्रेंस कराकर वाह-वाही लूटने की कोशिश में था। पर नचिकेता ने प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने से साफ मना कर दिया था। ख़ैर, अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया और संयुक्‍त राष्‍ट्र के सामने झुकते हुए पाकिस्‍तान ने एक हफ़्ते के बाद नचिकेता को रेड क्रॉस के हवाले कर दिया। फिर वाघा बॉर्डर के रास्‍ते नाचिकेता वापस भारत आ गए।

कारगिल युद्ध शुरू होने से पहले ही भारतीय थल सेना के एक अफ़सर कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तानी सेना ने युद्ध बंदी के दौरान मार डाला था। कैप्टन सौरभ एवं इनके पांच अन्य साथियों को गश्त लगाते समय पाकिस्तानी सेना ने ज़िन्दा पकड़ लिया और कैद कर लिया था। कैद करने के बाद कैप्टन सौरभ को 22 दिनों तक बुरी तरह से यातनाएं दी गयीं थी और फिर मार दिया गया था। उस वक़्त कैप्टन सौरभ कालिया की उम्र मात्र 23 साल थी।

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बुधवार को जब भारतीय वायुसेना के कैप्टन अभिनंदन पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को खदेड़ रहे थे उस वक़्त भारतीय कैप्टन पाकिस्तान सेना की गिरफ़्त में आ गए थे। जैसे ही कैप्टन अभिनंदन के गिरफ़्तारी की ख़बर भारत पहुंची पूरे देश में उनके सह-सलामत वापसी की मांग उठने लगी। भारत ने इंडियन एयरफोर्स के घायल जवान के साथ अशिष्ट बर्ताव करने पर पाकिस्‍तान से सख्‍त आपत्ति जताई थी। साथ ही कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और जिनेवा कन्वेंशन के नियमों का उल्लंघन है।

ज्ञात रहे कि जिनेवा कन्वेंशन के तहत कई अन्य बातों के साथ यह भी तय किया गया है कि कोई देश अपने युद्धबंदी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करेगा एवं उस सैनिक को उसके मुल्क में ससम्मान वापस भेज दिया जाएगा। इसके साथ मृत हुए सैनिकों के लिए ये भी प्रावधान है कि किसी दूसरे देश के सैनिक या असैन्य नागरिक के शव के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार या परीक्षण की सख्त मनाही है।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाक की कैद में भारतीय पायलट के मामले में भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें पायलट की तुरंत वापसी चाहिए। भारत के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा था। जिसके चलते आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने यहा संसद में भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने की बात कही। कल भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई हो जाएगी। भारत ने अपनी तरफ से पाकिस्‍तान को पहले यह स्पष्ट कर दिया है कि विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी को लेकर कोई डील नहीं होगी।