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1971 तक ये 4 गांव थे पाकिस्तान का हिस्सा, युद्ध के दौरान आए भारत के कब्जे में

फाइल फोटो।

War of 1971: ये गांव केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सुदूर उत्तर में स्थित हैं। इनका नाम है- तुरतुक, त्याक्शी, चलूंका और थांग है। इन गांवों में नूरबख्शियां मुसलमान रहते हैं जो बाल्टी भाषा बोलते हैं। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ गया था। करीब 13 दिन चले इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। हार के साथ ही पाकिस्तान का एक प्रांत (पूर्वी पाकिस्तान) अलग होकर बांग्लादेश बनकर उभरा था। पूर्वी पाकिस्तान में 1971 में विद्रोह की आग बुरी तरह फैल गई थी।

इस युद्ध में यूं तो भारत ने भी बहुत कुछ हासिल किया था लेकिन चार गांव ऐसे भी थे जो कि पाकिस्तान का हिस्से थे लेकिन युद्ध के बाद यह भारत के कब्जे में आ गए थे। ये गांव केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सुदूर उत्तर में स्थित हैं। इनका नाम है- तुरतुक, त्याक्शी, चलूंका और थांग है।

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इन गांवों में नूरबख्शियां मुसलमान रहते हैं जो बाल्टी भाषा बोलते हैं। युद्ध (War of 1971) के बाद भारत के कब्जे में आए इस गांव के लोग अपनों से बिछड़ गए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन चार गावों के अलावा अन्य गांव पाकिस्तान के कब्जे में ही रहे। इन लोगों को आपस में संपर्क समाप्त हो गया। सीमा रेखा की लकीर खींचने के बाद से अपनों का साथ पूरी तरह से छूटता चला गया।

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बीबीसी में छपी खबर के मुताबिक, इन गांव वालों का दावा है कि 250 से ज्यादा परिवारों को युद्ध के कारण अलग होना पड़ा था। इन गांवों में रहने वाले लोगों का दावा है कि उन्होंने पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए भारत सरकार के पास वीजा के लिए आवेदन भी किया लेकिन इसे हर बार ठुकरा दिया जाता रहा है। इन गांवों इंटरनेट की सुविधा नहीं है और बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग कटा ही रहता है।