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1962 का युद्ध: इस वजह से अलग-थलग पड़ गया था भारत! नहीं दिया था किसी ने भी साथ

War of 1962

Indo-China War 1962: जिस वक्त दोनों देशों युद्ध में आमने-सामने थे, उसी समय दुनिया के दो महाशक्तिशाली देश, अमेरिका और रुस क्यूबा-मिसाइल विवाद में फंसे हुए थे।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन (China) को जीत हासिल हुई थी। भारतीय सेना ने अपने 1300 जवानों की शहादत का दर्द झेला था। चीन की सेना इस युद्ध में भारतीय सेना पर भारी पड़ी थी।

चीन (China) पूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरा था जबकि भारतीय सेना अधूरी तैयारी के साथ। हालांकि इस जंग में चीन की जीत के पीछे विश्व स्तर पर भारत का अलग-थलग पड़ना था। दरअसल जिस वक्त दोनों देशों युद्ध में आमने-सामने थे उसी समय दुनिया के दो महाशक्तिशाली देश, अमेरिका और रुस क्यूबा-मिसाइल विवाद में फंसे हुए थे।

भारत का घनिष्ठ दोस्त, रुस 62 के युद्ध में भारत का साथ देकर चीन को नाराज नहीं करना चाहता था। माना जाता है कि अगर भारत रूस का साथ देता तो रुस (उस वक्त के यूएसएसआर) को अमेरिका और चीन दोनों से निपटना पड़ता। यही वजह है कि इस युद्ध में भारत अलग-थलग पड़ गया था। 

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चीन हमेशा से भारत की जमीन पर अपना कब्जा जमाने की फिराक में रहता है। हिलालयी बॉर्डर पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद सालों से चला आ रहा है। इस युद्ध में रक्षा और सियासी बलों के कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा था।

युद्ध के दौरान चीनी सैनिक एडवांस लेवल के हथियार के साथ भारत के खिलाफ उतरे थे। चीन ने इस युद्ध में अपनी ताकत के दम पर जीत हासिल तो की लेकिन भारतीय सैनिकों ने हार से पहले चीनी सेना को भगा-भगाकर मारा था।