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छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सली हमले में घायल जवान शहीद, एंबुश लगाकर किए हमले में हुए थे घायल

शहीद मदनपाल सिंह

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश के हाथरस के सीआरपीएफ के जवान मदनपाल सिंह शहीद हो गए। शहीद मदनपाल सिंह कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के तमनागढ़ी नई कॉलोनी के रहने वाले थे। मदनपाल सिंह सीआरपीएफ में एसआइ के पद पर थे। वे छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तैनात थे। शहीद मदनपाल सिंह साल 1986 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शहीद के परिवार में पत्नी स्नेहलता देवी के अलावा दो बेटी और दो बेटे हैं। उनकी एक बेटी पिंकी की शादी हो चुकी है, जबकि दोनोें बेटे राहुल और मनीष के अलावा छोटी बेटी निशा भी इस समय पढ़ रहे हैं। 28 जून की दोपहर ढाई बजे बड़े बेटे राहुल के पास सीआरपीएफ कंट्रोल रूम से फोन आया था। उसे बताया गया कि नक्सलियों के हमले में मदनपाल सिंह गोली लगने से घायल हो गए थे।

अधिक खून बह जाने के कारण उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। राहुल के पैरों तले से जमीन खिसक गई। उन्होंने घर वालों को यह जानकारी दी तो कोहराम मच गया। गौरतलब है कि, 28 जून को बीजापुर में नक्सलियों ने एंबुश लगाकर जवानों पर हमला किया था। मिली जानकारी के मुताबिक जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशकुतूल में पुलिस की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक ग्रामीण महिला की मौत होने और एक स्कूली छात्रा के घायल होने की भी सूचना है। जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबल के जवान इलाके में एरिया डॉमिनेशन पर निकले थे। इसी दौरान वे माओवादियों के एंबुश में फंस गए।

इससे पहले 27 जून को सुकमा में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस और नक्सलियों के बीच सुकमा के जंगल में हुई इस मुड़भेड़ में एक इनामी नक्सली ढेर हो गया था। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से हथियार सहित मारे गए नक्सली का शव बरामद किया। 27 जून की सुबह सुरक्षा बलों की टीम सर्चिंग के लिए निकली थी। इसी बीच मुरलीगुड़ा व अटकल गांव के बीच जंगल मे नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। 15 से 20 मिनट चली मुठभेड़ के बाद दूसरी ओर से गोलियां चलनी बंद हो गईं और नक्सली भाग खड़े हुए। इलाके की सर्चिंग करने पर वहां एक नक्सली का शव बरामद हुआ। इसके साथ ही भरमार बंदूक सहित भारी मात्रा में नक्सल सामाग्री भी बरामद की गई। मारे गए नक्सली की पहचान वंजाम बुधु नीलामड़गु के रूप में हुई है जो आरपीसी इंचार्ज और जन मिलिशिया कमांडर के पद पर था। इसके सिर पर लाख रूपए का इनाम घोषित था।

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