War of 1971: हेवी वेहिकल फैक्टरी (आवड़ी) में निर्मित भारतीय सेना (Indian Army) का विजयंत टैंक में गोलाबारी करने की अपार शक्ति के साथ-साथ चौतरफा घूम फिरकर मार गिराने की क्षमता रखता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान विजयंत टैंक ने दुश्मनों के आधुनिक टैंकों पर विजय हासिल की थी। विजयंत टैंक इंडियन आर्मी (Indian Army) में शामिल होने वाला पहला मेड इन इंडिया टैंक था। इस टैंक ने युद्ध में पाकिस्तानी आधुनिक पैटन टैंक की धज्जियां उड़ा दी थीं। इस टैंक ने जंग के मैदान में अपना लोहा मनवाया था। दुश्मनों ने भी इस टैंक की ताकत की तारीफ की थी।
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हालांकि पैटन टैंक की धज्जियां उड़ाने वाले विजयंत टैंक अब भारतीय सेना की सेवा में नही है। भारतीय सेना से यह टैंक 2001 में रिटायर हुआ था। हेवी वेहिकल फैक्टरी (आवड़ी) में निर्मित विजयंत टैंक गोलाबारी करने की अपार शक्ति के साथ-साथ चौतरफा घूम फिरकर मार गिराने की क्षमता रखता है। इसका वजन 45 टन है और काफी विशाल भी है। 2018 में क्रांतिधरा मेरठ में मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में यह टैंक आया, जो अपने आप में गर्व की बात है।
ये है टैंक की खासियत-
– लंबाई: 7.78 मीटर
-ऊंचाई: 2.71 मीटर
-कवच: 3 इंच मोटी चादर
-रेंज: 530 किलोमीटर
-स्पीड : 50 किलोमीटर प्रति घंटा
-बैठने की क्षमता: 4 लोग
1971 के युद्ध के अंत में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था और इसके साथ ही उनके सैकड़ों हथियारों को भी जब्त कर लिया गया था। इतनी भारी संख्या में हथियारों के जब्त होने के बाद बड़ी संख्या में बंदूकें आर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर भेजी गई थीं। 1971 के युद्ध में ही नहीं बल्कि 1999 के कारगिल युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हुआ था।
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