Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

वतन की हिफाजत की खातिर दिया बलिदान, पीढ़ियां याद रखेंगी उनके शौर्य की दास्तान

प्रवीण सेना की 157 लाइट एडी बटालियन में तैनात थे।

प्रवीण कुमार ने वर्ष 1993 में इंडियन आर्मी ज्वायन किया। दिल में मातृभूमि की सेवा करने का जज्बा लिए प्रवीण कुमार ने सेना में रहते हुए पूरी शिद्दत के साथ अपना काम किया। यही वजह थी कि वतन की सेवा करते हुए जब प्रवीण शहीद हुए तो उनकी अंतिम विदाई में लोगों का हुजूम सड़क पर उतर पड़ा। हम बात कर रहे हैं बोकारो के रहने वाले शहीद प्रवीण कुमार की। बीते शनिवार (1 जून, 2019) को शहीद जवान प्रवीण कुमार का शव जब बोकारो पहुंचा तो ऐसा लगा कि पूरा शहर सड़कों पर उमड़ आया है। प्रवीण कुमार जम्मू के लेह में तैनात थे। प्रवीण वर्ष 1993 में रांची के बीआरओ के जरिये सेना की सेवा में आए। सेना में यह उनके बेहतरीन काम का ही परिणाम था कि वो प्रोमोशन पाकर नायब सूबेदार बन गए थे। प्रवीण सेना की 157 लाइट एडी बटालियन में तैनात थे। इसी तैनाती के दौरान वह लेह में एक खास ऑपरेशन के लिए अपने वाहन से चले और फिर बदकिस्मती से हादसे का शिकार हो गए। जम्मू-कश्मीर के लेह से ऑपरेशन मेघदूत के लिए जाते समय सियाचिन ग्लेशियर में नायब सूबेदार प्रवीण कुमार की गाड़ी फिसल कर खाई में गिर गई थी, जिससे सिर में चोट आने पर उनकी मौत हो गई।

जम्मू के लेह में तैनात शहीद जवान प्रवीण कुमार का शव जब तिरंगे में लिपटकर बोकारो के सेक्टर 4 स्थित उनके आवास पर पुहंचा तो उनके परिजनों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था। पूरा माहौल गमगीन हो गया था। मौके पर भारत माता की जय व प्रवीण कुमार अमर रहें के नारे भी लग रहे थे। उनके आवास पर अंतिम दर्शन के बाद शव को विदाई दी गयी। इसके बाद बोकारो के गरगा नदी के श्मशान घाट पर उनके 11 वर्षीय पुत्र प्रियांशु ने उन्हें मुखाग्नि दी। साथ में शव लेकर आए सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। जिसके बाद वे पंचतत्व में विलीन हो गए। शवयात्रा उनके आवास से चलकर गरगा पहुंचा था। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने तिरंगा यात्रा भी निकाली। शहीद प्रवीण के पार्थिव शरीर को चास स्थित श्मशान घाट पर डीसी केएन झा, एसपी पी मुरूगन, डीडीसी, एसडीएम चास, बीएसएल के अधिकारी, उनके पिता, बेटी, पूर्व सैनिकों, रिश्तेदारों व कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।

इस गमगीन माहौल के वक्त एक मौका ऐसा भी आया जब शहीद प्रवीण कुमार की बड़ी बेटी शालिनी अपना दर्द छुपा घर के लोगों का ढांढस बंधाती नजर आईं। पिता को खोने का गम दिल में लिए शालिनी ने कहा कि ‘मैं भी ज्वॉयन करूंगी इंडियन आर्मी।’ दरअसल शहीद प्रवीण कुमार की बेटी शालिनी की तम्मन्ना पहले से थी कि वो भी एक दिन इंडियन आर्मी ज्वायन करें। इसके लिए उन्होंने अपने पिता से पहले वादा भी किया था। प्रवीण कुमार के घर में उनकी दो बेटी, एक बेटा, माता-पिता और पत्नी हैं।