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Pulwama Attack: देवरिया के शहीद विजय मौर्य की दूसरी बरसी पर दी गई श्रद्धांजलि, पत्नी ने कहा- बेटी भी बड़ी होकर करेगी देश की सेवा

शहीद (Martyr Vijay Kumar Maurya) की पत्नी विजयलक्ष्मी का कहना है कि मुझे पति के न रहने का गम तो है पर साथ ही उनकी शहादत पर गर्व भी है कि वह देश के लिए शहीद हुए।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Attack) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के जवान विजय कुमार मौर्य भी शहीद हो गए थे। शहीद विजय (Martyr Vijay Kumar Maurya) देवरिया के छपिया जयदेव गांव के रहने वाले थे।

शहीद विजय मौर्य की दूसरी बरसी पर उनके गांव छपिया जयदेव में उनको श्रद्धांजलि दी गई। गांव के युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाल शहीद विजय को याद किया। गांव में बने उनके प्रतिमा पर पिता, पत्नी और गांव वालों ने माल्यार्पण कर उनको नम आंखों से याद किया।

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वहीं, लोक गायक सुनील सनेही के भक्ति गीतों पर लोगों ने शहीद विजय मौर्य अमर रहे का नारा लगाया। वहीं लोक गायक के गाने ‘विजय मौर्य हो तहरा के केहू ना भुलाई…’ गाने पर परिवार सहित वहां मौजूद गांव के लोगों की आंखें भर आईं।

शहीद (Martyr Vijay Kumar Maurya) की पत्नी विजयलक्ष्मी का कहना है कि मुझे पति के न रहने का गम तो है पर साथ ही उनकी शहादत पर खुशी और गर्व भी है कि वह देश के लिए शहीद हुए। हमारी बेटी भी बड़ी होकर अपने पिता की तरह देश की सेवा करेगी।

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विजयलक्ष्मी ने कहा कि वह जब भी दुखी होती हूं तो गांव में पति की याद में बने शहीद पार्क में आकर पति को देख लेती हूं। जिससे मन को बहुत संतुष्टि मिलती है। शहीद विजय की चार साल की बेटी आराध्या है। शहीद विजय मौर्य की पत्नी विजयलक्ष्मी को पति के शहादत के बाद जनपद के कलेक्ट्रेट कार्यालय में लिपिक की नौकरी मिल गई है।

शहीद विजय के पिता रामायण सिंह मौर्य ने कहा कि आज भी छपिया गांव में शहीद बेटे की यादें लोगों के जेहन में जिंदा है। कोई ऐसा दिन नहीं जब शहीद विजय की याद नहीं आती है।

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शहीद विजय मौर्य (Martyr Vijay Kumar Maurya) के अंदर बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद साल 2008 में सीआरपीएफ (CRPF) में कांस्टेबल के पद पर नौकरी ज्वॉइन किया था।