EXCLUSIVE: झारखंड में कुख्यात नक्सली कृष्णा के इशारे पर रची गई थी CRPF कैंप पर हमले की साजिश

झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों (Naxalites) में डर का माहौल है। यही वजह है कि नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसला रहे हैं।

Teklal

टेकलाल किस्कू

सीआरपीएफ कैंप में ग्रामीणों द्वारा तोड़फोड़ की साजिश कुख्यात नक्सली (Naxalites) कृष्णा हंसता के इशारे पर रची गई थी। कृष्णा के इशारे पर ही ग्रामीणों, राजनीतिक दलों और नेताओं को उकसाया गया था।

रांची: झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों (Naxalites) में डर का माहौल है। यही वजह है कि नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसला रहे हैं और उनसे पारसनाथ जोन में पुलिस पिकेट और सीआरपीएफ कैंप के निर्माण का विरोध करवा रहे हैं।

10 दिन पहले टेकलाल किस्कू और डेनियल हेंब्रम की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में ये बात सामने आई है। बता दें कि टेकलाल किस्कू एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी पतिराम मांझी का दामाद है और डेनियल उनका करीबी सहयोगी है।

इन दोनों ने पुलिस के सामने लिखित बयान में कई राज उगले हैं। इन्होंने पुलिस को बताया कि पारसनाथ की तलहटी स्थित पर्वतपुर और पांडेडीह में सीआरपीएफ कैंप में ग्रामीणों द्वारा तोड़फोड़ की साजिश कुख्यात नक्सली (Naxalites) कृष्णा हंसता के इशारे पर रची गई थी। कृष्णा के इशारे पर ही ग्रामीणों, राजनीतिक दलों और नेताओं को उकसाया गया था। बता दें कि आदिवासी ग्रामीणों ने परंपरागत हथियारों के साथ प्रदर्शन किया था और किसी भी कीमत में सीआरपीएफ कैंप नहीं बनने का ऐलान किया था। इसी दौरान उग्र ग्रामीणों ने पांडेडीह सीआरपीएफ कैंप और पर्वतपुर में निर्माणाधीन सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया था।

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गिरफ्तार टेकलाल ने पुलिस को बताया कि कृष्णा के इशारे पर ये सब हुआ था और ग्रामीणों का हुलिया रखकर कई नक्सली भी इस दौरान मौजूद थे।

कृष्णा हांसदा ने केवल ग्रामीणों को ही नहीं बल्कि कई नक्सलियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कई टिप्स दिए थे, जिसमें प्रशांत मांझी, जया दीदी, सुनील टूड्डू, बिरजू मांझी, टेकलाल किस्कू, प्रकाश हंसदा, शिवा मांझी, विनोद मांझी ,सपन मांझी ,डेनियल, रंजीत टूडू, उज्जवल गंझू, सुधीर किस्कू सहित कई कुख्यात नक्सली शामिल थे ।

प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी के आंतरिक सहयोगी संगठन मजदूर संगठन समिति, नारी मुक्ति संघ एवं झारखंड एवन का नाम भी इन घटनाओं में सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने में कई स्थानीय राजनीतिक दल के कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं।

गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों ने कृष्णा और अन्य नक्सलियों के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। इससे पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में काफी मदद मिलेगी।

पीरटांड़ पुलिस ने दोनों के द्वारा लिखित बयान को अदालत के सामने प्रस्तुत किया है और दोनों को जेल भेज दिया है।

बता दें कि पारसनाथ जोन को बहुत ही सेंसिटिव जोन माना जाता है। ऐसे में टेसा फूली ,पर्वतपुर ,ढोल कट्टा और खेलाधुआं में सीआरपीएफ कैंप बनाया जाना है। जिला प्रशासन ने इन स्थानों में जमीन भी मुहैया करवा दी है, लेकिन जब तक इन स्थानों पर स्थाई रूप से सीआरपीएफ कैंप नहीं बन जाता, तब तक अस्थाई रूप से इन कैंपों को गांवों के सरकारी स्कूलों में ही बनाया जाएगा।

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