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पहले वेतन से पत्नी के लिए घड़ी लाया था कारगिल का ये शहीद, वीरांगना के लिए अब यही है सबकुछ

शहीद बनवारी लाल की पत्नी संतोष देवी हाथ में घड़ी लिए हुए।

Kargil War: शहीद बनवारी लाल (Banwari Lal) की पत्नी उन दिनों को यादकर बताती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें पहला वेतन मिला तो वह मेरे लिए एक घड़ी और कैमरा लेकर आए थे। मेरे लिए आज यही सबकुछ है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में पाकिस्तान को हराने के लिए हमारे वीर सपूतों ने पूरा दमखम लगा दिया था। पाकिस्तान को हराने के बाद ही सेना ने चैन की सांस ली थी।

इस युद्ध में हमारे 500 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। आर्मी के जवान देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। सीमा पर देश की रक्षा के लिए वह बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटते। हर भारतीय चैन की नींद सोए, इसके लिए वे दुश्मनों से लोहा लेते हैं।

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कारगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद होने वाले जवानों में से एक जवान सीकर जिले के गांव सिगडोला छोटा के बनवारी लाल (Banwari Lal) भी थे।  28 अप्रैल, 1996 को आर्मी ज्वॉइन करने वाले इस जवान ने महज तीन साल के कार्यकाल में ही देश के लिए कुर्बानी दे दी।

वह अपनी पहली सैलरी से पत्नी संतोष देवी के लिए एक घड़ी लेकर आए थे। इस घड़ी को आज भी पत्नी ने संभालकर रखा हुआ है। यह घड़ी वे ट्रेनिंग के दौराम मिली अपनी सैलरी से लाए थे।

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शहीद बनवारी लाल (Banwari Lal) की पत्नी संतोष देवी उन दिनों को यादकर बताती हैं, “ट्रेनिंग के दौरान उन्हें पहला वेतन मिला तो वह मेरे लिए एक घड़ी और कैमरा लेकर आए थे। मेरे लिए आज यही सबकुछ है। मैंने इन दोनों ही चीजों को अबतक बहुत संभाल कर रखा हुआ है। यह घड़ी और कैमरा हर उस पल का गवाह बन जाता है, जो परिवार ने उनके साथ बिताए थे।”