Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

साल 1962 युद्ध के बाद 1975 में LAC पर हुई थी फायरिंग, जानें चीन क्यों है हमारे लिए खतरा

File Photo

साल 1962 के खूनी संघर्ष के 13 साल बाद भी चीन (China) ने हमारे खिलाफ हथियार उठा लिए थे। युद्ध के बाद 1975 पर LAC पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे।

भारत और चीन के बीच साल 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। चीन ने हमारी कमजोरी का फायदा उठाया था। चीन इस युद्ध में पूरी तैयारी के साथ आया था जबकि भारतीय सेना की तैयारी दुश्मन देश के मुकाबले कम थी। सेना के पास न तो हथियार थे और न ही माइनस 30 डिग्री जैसे कड़ाके की ठंड के लिए कपड़े और जूते।

ऐसे में अधूरी तैयारी के साथ कभी युद्ध नहीं जीते जाते। 1962 के खूनी संघर्ष के 13 साल बाद भी चीन ने हमारे खिलाफ हथियार उठा लिए थे। युद्ध के बाद 1975 में भी LAC पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे। हालांकि, फायरिंग युद्ध में नहीं बदली और बातचीत के जरिए विवाद को थाम लिया गया था।

Kargil War 1999: पाक सेना ने की थी लंबी लड़ाई की तैयारी, फिर भी मिली पटखनी

पिछले कई सालों से भारत-चीन सीमा पर विवाद जारी है। चीन लगातार कहता रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार करता रहा है। चीन हमेशा से विस्तारवाद की नीति पर चलता आया है। भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी वह इसी रणनीति के तहत समुद्र से लेकर जमीन तक हड़प रहा है।

ये भी देखें-

चीन और पाकिस्तान दोनों ही मिलकर किसी न किसी तरीके से भारत को घेरने की कोशिश में रहते हैं। चीन, पाकिस्तान से कई गुना ज्यादा ताकतवर है। चीन नो फर्स्ट यूज पॉलिसी No first use (NFU) से जुड़ा है। चीन (China) ने साल 1964 में इसका ऐलान किया था। इसके तहत वो किसी देश से भिड़ंत की स्थिति में परमाणु हमले की शुरुआत नहीं करेगा।