Indo-China War 1962: युद्ध में राजस्थान के भिवाड़ी स्थित मिलकपुर गुर्जर गांव निवासी काशीराम दायमा (Kashiram Dayma) ने भी हिस्सा लिया था। काशीराम भारतीय सेना (Indian Army) की राजपूत रेजीमेंट का वर्ष 1954 में हिस्सा बन गए थे।
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) को हार का सामना करना पड़ा था। चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरी थी। भारतीय सेना अधूरी तैयारी के साथ इस युद्ध में उतरी थी।
इस युद्ध में चीन, भारत के अधिकार वाले क्षेत्रों को अपना बनाने की फिराक में था। युद्ध में राजस्थान के भिवाड़ी स्थित मिलकपुर गुर्जर गांव निवासी काशीराम दायमा (Kashiram Dayma) ने भी हिस्सा लिया था।
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काशीराम, भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट का वर्ष 1954 में हिस्सा बन गए थे और इसके बाद 1962 युद्ध में दुश्मनों से लोहा लिया था। काशीराम साल 1976 में सेना से नायब सूबेदार के पद से सेवानिवृत हो गए थे।
युद्ध के दौरान काशीराम दायमा (Kashiram Dayma) को 15 अन्य जवानों के साथ युद्धबंदी बना लिया गया था। सेना और उनके घर वालों को शुरुआत में लगा कि वे शहीद हो गए हैं। परिवार में तो सब ने मान लिया था कि वे मृत हैं और इस वजह से सारी रस्में भी पूरी कर दी गई थीं।
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हालांकि, करीब नौ माह बाद उनके घर वालों को सूचना मिली कि काशीराम (Kashiram Dayma) जिंदा हैं और चीन की हिरासत में हैं। इसके बाद भारत सरकार ने चीन सरकार से संपर्क साधा। काफी कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें अन्य सैनिकों को रिहाई दिलवाई गई। वे बताते हैं कि युद्धबंदी के तौर पर चीनी सेना ने काफी प्रताड़ित किया था। मारा पीटा गया और खाना भी ठीक से नसीब नहीं होता था।