Kargil War 1999: पाकिस्तान को भारत के इन खतरनाक हथियारों का पता चला था तो उसकी रातों की नींद उड़ गई थी। युद्ध के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान सेना ने एडवांस और मॉर्डन हथियारों का इस्तेमाल किया था। सेना (Army) के जवानों ने इन हथियारों के दम पर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था। जब पाकिस्तान (Pakistan) को भारत के इन खतरनाक हथियारों का पता चला था तो उसकी रातों की नींद उड़ गई थी।
दरअसल, युद्ध में उस वक्त सेना ने बोफोर्स तोप का इस्तेमाल किया था। सेना ने 77-बी बोफोर्स तोप का इस्तेमाल किया था। इसकी रेंज 42 किलो मीटर तक है। इसमें से 105 एमएम के गोले निकलते है। युद्ध में मिग-21, मिग-23, मिग-27, मिग-29, मिराज-2000 और जगुआर का इस्तेमाल किया गया था।
वहीं, इजरायल से मिले नाइट विजन डिवाइस और लेजर गाइडेड बमों ने भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। इस युद्ध (Kargil War 1999) में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए।
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युद्ध (Kargil War 1999) के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी सख्या में बमबारी की गई थी। 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेटों का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि कारगिल युद्ध में हुई जीत को याद कर हर साल 26 जुलाई के दिन ‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है।