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परमाणु संपन्न होने के बाद दोनों देशों के बीच पहला सशस्त्र संघर्ष था कारगिल युद्ध, तीस हजार भारतीय सैनिकों ने दुश्मनों से लिया था लोहा

फाइल फोटो।

Kargil War: करगिल युद्ध में भारत के हाथों अपने सैनिकों के हताहत होने पर पाकिस्तान परमाणु हथियारों को तैनात करने और उसके संभावित इस्तेमाल की तैयारी कर रहा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया युद्ध (Kargil War) कई मायनों में महत्वपूर्ण था। कश्मीर के लिए पाकिस्तान इस कदर गिर गया था, जिसकी कोई सीमा नहीं थी। पाकिस्तान को भारतीय सेना (Indian Army) ने उसी की तरह जवाब दिया था। परमाणु संपन्न होने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहला सशस्त्र संघर्ष था। इससे पहले 1948, 1965 और 1971 में दोनों देश आपस में भिड़ चुके थे।

कारगिल युद्ध (Kargil War) में तीस हजार भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना से लोहा लिया था। करीब पांच हजार घुसपैठियों को भगाने के लिए भारतीय सेना और वायुसेना ने पाक के कब्जे वाली जगहों पर हमला कर पाक सेना को वापस जाने को मजबूर किया। युद्ध में हमारे 527 सैनिक और अधिकारी शहीद हुए थे।

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कहा तो यह भी जाता है कि 1999 के करगिल युद्ध (Kargil War) में भारत के हाथों अपने सैनिकों के हताहत होने पर पाकिस्तान परमाणु हथियारों को तैनात करने और उसके संभावित इस्तेमाल की तैयारी कर रहा था। व्हाइट हाउस के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने यह खुलासा किया था।

हालांकि भारत की परमाणु नीति का मूल सिद्धांत पहले इस्तेमाल नहीं है। इस नीति के मुताबिक हम किसी भी देश पर परमाणु हमला तब तक नहीं करेंगे जब तक कि वह देश हमारे ऊपर हमला नहीं कर देता।

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बता दें कि कारगिल युद्ध (Kargil War) से पहले पाकिस्तान ने एलओसी पर धोखे से कारिगल के महत्वूपर्ण इकालों पर कब्जा कर लिया। भारत शांति के साथ इस मसले को हल करना चाहता था लेकिन पाकिस्तान ने भारत के एक वीर जवान के साथ ऐसी बर्बरता की कि भारत का खून खौल उठा।