Kargil War: इस जंग में सरमन सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी और टाइगर हिल फतह करने वाली टीम में शामिल थे। पर होनी को कुछ और मंजूर था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध ने भारत की साख दुनियाभर में और मजबूत कर दी थी। वहीं, पाकिस्तानी सेना को इंटरनेशनल बेइज्जती का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को इस युद्ध से भारत से कई गुना ज्यादा नुकसान पहुंचा था।
इस युद्ध में यूं तो सभी जवानों की भूमिका अहम थी लेकिन कई जवान ऐसे होते हैं जो अपनी बहादुरी की छाप छोड़कर शहीद होते हैं। ऐसा ही ग्वालियर का एक सपूत भी था। सरमन सिंह ने इस जंग में अहम भूमिका निभाई थी और टाइगर हिल फतह करने वाली टीम में शामिल थे। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।
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दरअसल, कारगिल में टाइगर हिल पर फतह के बाद सेकंड राजपूताना राइफल्स के जवान जब वहां तिरंगा फहरा चुके थे तभी वहां पाकिस्तानी सैनिक द्वारा फेंके गए हैंड ग्रेनेड से सरमन सिंह शहीद हो गए थे। सरमन ने देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर ग्वालियर का मान बढ़ाया है।
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बता दें कि धोखे से दुश्मनों ने टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया था। कई दिनों के संघर्ष के बाद आखिरकार 4 जुलाई, 1999 को भारतीय वीर सेना टाइगर हिल को दोबारा अपने कब्जे में लेने में सफल हुई थी। पूरे विश्व में भारत की इस जीत के चर्चे हुए थे। भारतीय सेना के एक-एक जवान ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई थी।