Indo-China War: 1962 के दौरान चीनी सेना ने जगह-जगह पोस्ट और सड़क का निर्माण कर दिया था जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पोस्ट बना ली थी।
भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध (Indo-China War) लड़ा गया था। ये युद्ध चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ था। चीन भारत के अधिकार वाले क्षेत्रों को अपना बनाने की फिराक में था। चीन हमेशा से अरुणाचल प्रदेश को अपना ही इलाका कहता आया है और अब भी कई मौकों पर वह अपने नक्शे पर इसे शामिल कर लेता है जिसके बाद कई बार विवाद भी होता है।
1962 के दौरान चीनी सेना ने जगह-जगह पोस्ट और सड़क का निर्माण कर दिया था जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पोस्ट बना ली थी। भारत की हरकत को चीन ने उकसावे वाला समझा और हमला बोल दिया। इसके बाद युद्ध छिड़ गया था।
युद्ध में भारतीय सेना बिना किसी तैयारी के चीन की एडवांस सेना से भिड़ी थी। चीनी सैनिकों को उनकी ही भाषा में जवाब दिया गया था। चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ आए थे तो लिहाजा उन्हें जीत भी हासिल हुई। इस युद्ध में करीब एक महीने संघर्ष करने के बाद भारत हार गया था।
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13 अक्टूबर 1962 के दिन चीनी सेना पैंन्गांग झील के पास स्थित शिरजाप और यूला पर कब्जा करने की फिराक में थे। भारत ने भी इस पैंन्गांग झील के पश्चिम में अपनी पोस्ट पहले से बनाई हुई थी। इसमें फर्स्ट बटालियन और 8 गोरखा रायफल को कमान सौंपी गई थी। ये पोस्ट रणनीतिक रूप से बेहद ही अहम थी क्योंकि अगर चीनी सेना इसपर कब्जा जमा लेती तो वह आसपास के इलाकों में भी कब्जा जमा लेती।
हमारे करीब साढ़े तीन हजार सैनिक शहीद हुए और भारत की करीब 43 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर भी चीन ने कब्जा कर लिया था। हमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अक्साई चिन को भी गंवाना पड़ा था। हालांकि बाद में चीन युद्ध के बाद एकतरफा शांति विराम के नाम पर खुद पीछे हट गया था।
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