गोपालबाबू (Gopalbabu Shukla) मूल रूप से यूपी के कन्नौज के रहने वाले थे। शहीद के परिजनों का कहना है कि सेना ने उन्हें अभी ये जानकारी नहीं दी है कि गोपालबाबू कैसे शहीद हुए।
भारत-चीन सीमा पर डटे भारतीय जवान हर दम अपनी भारत माता को बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं। ताजा मामला लद्दाख का है, जहां एक भारतीय जवान शहीद हो गया। जवान का नाम गोपालबाबू शुक्ला (Gopalbabu Shukla) था और वह लांसनायक के पद पर थे।
उनकी शहादत की खबर सुनकर उनके परिवार में मातम छा गया है। गोपालबाबू मूल रूप से यूपी के कन्नौज के रहने वाले थे। शहीद के परिजनों का कहना है कि सेना ने उन्हें अभी ये जानकारी नहीं दी है कि गोपालबाबू कैसे शहीद हुए लेकिन गोपालबाबू के साथियों का कहना है कि कम तापमान की वजह से गोपालबाबू को दिक्कत महसूस हुई थी।
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गोपालबाबू के पिता कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के सरसई ग्राम पंचायत के मवइया गांव के रहने वाले हैं। बुधवार सुबह गोपालबाबू के छोटे भाई हरिओम के मोबाइल पर कमांडिंग ऑफिसर ने इस घटना की जानकारी दी। हरिओम ने बताया कि सेना से केवल ये जानकारी मिली कि गोपालबाबू अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी मौत की वजह अभी तक सेना ने नहीं बताई है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद जवान के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसके अलावा शहीद के आश्रित को नौकरी और जिले की एक सड़क को शहीद का नाम दिया जाएगा।
शहीद गोपालबाबू की शादी 3 साल पहले ही हुई थी। उनके एक साल की बेटी भी है। पूरे घर का रो-रोकर बुरा हाल है। दो दिन पहले पिता रामरतन शुक्ल ने आखिरी बार वीडियो कॉल पर गोपालबाबू से बात की थी। शहीद गोपालबाबू बीते एक साल से घर नहीं आए थे।
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