लद्दाख की गलवान घाटी में अदम्य साहस दिखाने वाली बिहार रेजिमेंट को सेना (Indian Army) की उत्तरी कमान ने खास अंदाज में सलाम किया है। उत्तरी कमान ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें बिहार रेजिमेंट के जवानों के 21 साल पहले कारगिल युद्ध में किए गए योगदान को सैल्यूट किया। सेना ने 20 जून को यूनिट की लड़ाई के इतिहास का जश्न मनाने वाला एक वीडियो ट्वीट किया।
द सागा ऑफ #DhruvaWarriors और द लॉइन्स ऑफ #BiharRegiment के हैशटैग के साथ पोस्ट किए गए इस वीडियो में बताया गया है कि वो बैट्स नहीं, वे बैटमैन हैं, वो इस धरती पर लड़ाई के लिए जन्में हैं। इसमें बिहार रेजिमेंट का आदर्श वाक्य- ‘कर्म ही धर्म’ भी लिखा गया है।
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वीडियो में कहा कहा गया है, ‘दोस्तों, भारतवासियों, देशवासियों, मुझे अपने कुछ साल उधार दे दें। 21 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान और हर बड़े युद्ध- 1857, 1948, 1965, 1971 और 1999 में बिहार रेजिमेंट ने अपनी अलग छाप छोड़ी है।’ इसमें कहा गया है, ‘लड़ाई के लिए ही जन्में, वे वही करते हैं जो करना चाहिए। वे बैट नहीं हैं, वे बैटमैन हैं।’
बता दें कि बिहार रेजिमेंट के ही सैनिक गलवान घाटी में तैनात थे और शहीद हुए थे। एक मिनट 57 सेकेंड के इस वीडियो में 1857 से 1999 तक के रेजिमेंट के सभी हर्कुलियन मिशन के बारे में बताया गया है। यह उस किस्से को भी बयां करता है जब बिहार रेजिमेंट ने पाकिस्तानी सेना (Indian Army) से कारगिल के एक रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।
यहां देखें वीडियो-
21 साल पहले बिहार रेजिमेंट ने कारगिल के घुसपैठियों की नाम में दम कर दी थी। वो ऊंचाई पर थे और तैयार थे। वो पूरी हिम्मत के साथ गए और मुकाबला करके लौटे थे। सेना (Indian Army) ने इस दौरान कर्नल संतोष बाबू को भी श्रद्धांजलि दी जो हाल ही में पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए। वीडियो की समाप्ति बिहार रेजिमेंट के नारे ‘बजरंग बली की जय…’ के साथ की गई है। गौरतलब है कि हिंसक झड़प में शहीद होने वाले ज्यादातर जवान बिहार रेजिमेंट से थे।