गौहर अक्सर इशारों में मेजर (Major Kamlesh Mani) को अपनी बात समझता था। लेकिन कई बार मेजर समझ नहीं पाते थे और परिजन भी इस दौरान भावुक हो जाते थे।
आतंकियों से लड़ने के साथ सेना को आम लोगों की भी परवाह होती है। उनके दुख-तकलीफों को दूर करने के लिए अगर उन्हें किसी हद तक भी जाना पड़े तो वह परवाह नहीं करते। सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आम लोगों की भलाई के लिए किए जा रहे कार्यों की वजह से सेना से दूर रहने वाले लोग अब सेना को अपने दुख-सुख का साथी मानने लगे हैं।
सेना के जवान भी स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब हो रहे हैं और उनसे घुल-मिल रहे हैं। इसकी मिसाल कुपवाड़ा जिले में देखने को मिल रही है। आतंक से ग्रस्त उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में सेना के एक मेजर ने ऐसा काम किया कि आज वह लोगों के दिलों में बस गया है। मेजर की दरियादिली की इन दिनों जिले भर में चर्चा है।
दरअसल, सेना के मेजर कमलेश मनी (Major Kamlesh Mani) के प्रयासों से एक मूक-बधिर बच्चे की जिंदगी ही बदल गई है। यह बच्चा अब धीरे-धीरे सुनने लगा है। उसके परिजनों को अब यह उम्मीद बंध गई है कि उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होकर अन्य बच्चों की तरह ही जिंदगी जी सकेगा।
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के छंजमूला क्षेत्र के रहने वाले गौहर को बचपन से न तो सुनाई देता था और न ही वह बोल पाता था। इसी क्षेत्र में मौजूद सेना की एक यूनिट में मेजर कमलेश मनी की तैनाती हुई। वह अकसर इस इलाके में आते और लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों को सुनते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात मूक-बधिर बच्चे गौहर से हुई। धीरे-धीरे मेजर मनी की गौहर से दोस्ती होने लगी।
गौहर अकसर इशारों में मेजर को अपनी बात समझता था। लेकिन कई बार मेजर यह समझ नहीं पाते थे और परिजन भी इस दौरान भावुक हो जाते थे। इस बात से मेजर मनी (Major Kamlesh Mani) भी भावुक हो जाते थे। उन्होंने धीरे-धीरे गौहर के इलाज के बारे में डॉक्टरों से भी परामर्श करना शुरू कर दिया।
डॉक्टरों ने जब उन्हें यह उम्मीद बंधाई कि यह बच्चा ठीक हो सकता है, तो उन्होंने अपने दोस्त गौहर का इलाज करवाने का फैसला किया। उनके प्रयास भी रंग लाने लगे और गौहर ने सुनना शुरू कर दिया। अब वे मेजर मनी की बातें सुन सकता था। लेकिन अभी भी सुनने की क्षमता कम थी। मगर मेजर के इन प्रयासों से पूरा गांव खुश हो गया।
अब मेजर मनी ने अपने इस छोटे से दोस्त का किसी अच्छे संस्थान में बेहतर इलाज करवाने का भी परिजनों का आश्वासन दिया है। उन्होंने परिजनों को कहा है कि गौहर जल्दी ही पूरी तरह से सुनना शुरू करेगा और सभी से बातें भी करेगा। गौहर के परिजन तो मेजर के प्रयासों से फूले नहीं समा रहे हैं।
मेजर कमलेश और गौहर की कैसे हुई दोस्ती? देखें इस वीडियो में-
उनका कहना है कि उनका बच्चा अब उनकी बातें सुनता है। वे मेजर मनी (Major Kamlesh Mani) की प्रशंसा करते थकते नहीं हैं। उन्हें अपना बड़ा बेटा करार देते हुए गौहर के माता-पिता कहते हैं कि उसने तो उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी है। मां जमिला बेगम का कहना है कि मेजर कमलेश उनके बेटे गौहर जैसा ही है। उनके पास आभार जताने के लिए कोई शब्द नहीं हैं।