किसान आंदोलन: मामले के जल्द निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 4 सदस्यों की कमेटी, ये लोग हैं शामिल

farmers protest: केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगाई है।

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Farmers Protest: कमेटी द्वारा जो रिपोर्ट बनाई जाएगी, उसे सीधा सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट जब तक SC नहीं पहुंचती, तब तक सरकार के कृषि कानूनों पर रोक रहेगी। इस कमेटी में कुल 4 लोग होंगे।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगाई है। कोर्ट ने ये फैसला मंगलवार को सुनाया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का भी गठन किया है, जो इस मामले (Farmers Protest) को सुलझाएगी। इस कमेटी में कुल 4 लोग होंगे। बड़ी बात ये है कि ये कमेटी मध्यस्थता नहीं करेगी, बल्कि समाधान निकालेगी।

इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के. जोशी शामिल हैं।

इस कमेटी द्वारा जो रिपोर्ट बनाई जाएगी, उसे सीधा सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट जब तक SC नहीं पहुंचती, तब तक सरकार के कृषि कानूनों पर रोक रहेगी।

इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान को शामिल किया गया है, जो बड़ी बात है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।

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हालांकि कमेटी में शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत भी हैं जो कानून वापसी के पक्ष में नहीं रहे हैं। इसके अलावा कमेटी में अशोक गुलाटी हैं, जिनका कहना है कि किसानों को कानून से फायदा होगा। वहीं कमेटी के प्रमोद जोशी ने कहा था कि हमें MSP से परे नई मूल्य नीति पर विचार करने की जरूरत है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को साफ कर दिया है कि कमेटी कोई मध्यस्थता नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक रुख अपनाएगी और समाधान निकालेगी।

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