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टीम की सुरक्षा के लिए अकेले ही दुश्मनों से भिड़ गए थे अल्बर्ट एक्का

लांस नायक अल्बर्ट एक्का।

India Pakistan War 1971: एक जवान ऐसे थे जिन्होंने अपने शौर्य से नई मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी टीम की सुरक्षा के लिए अकेले ही जंग में कूदना कबूल किया था। इस जवान का नाम लांस नाइक अल्बर्ट एक्का (Albert Ekka) था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को हराकर हमारे वीर सपूतों ने पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि भारत से उलझना आसान नहीं।

दरअसल, यह युद्ध बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था। इस युद्ध में हार के साथ ही दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का गठन हुआ था। इस सुनहरे क्षण के लिए यानी पाकिस्तान के दो टुकड़े करने में हमारे वीर सपूतों ने अहम भूमिका निभाई। यूं तो इस युद्ध में सभी जवानों का योगदान अहम है लेकिन एक जवान ऐसे थे जिन्होंने अपने शौर्य से नई मिसाल पेश की।

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उन्होंने अपनी टीम की सुरक्षा के लिए अकेले ही जंग में कूदना कबूल किया था। इस जवान का नाम लांस नाइक अल्बर्ट एक्का (Albert Ekka)  था। भारतीय सेना (Indian Army) के इस वीर सपूत ने अपने बटालियन ‘द ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स’ के साथ ईस्टन फ्रंट डिफेंस के दौरान गंगासागर में दुश्मनों पर हमला किया था।

दरअसल, यह वह जगह थी जहां पर दुश्मनों की स्थिति बेहद मजबूत थी। युद्ध के दौरान एक वक्त ऐसा आया जब उनकी टीम की दुश्मनों के साथ भिड़ंत हो गई। इस दौरान एक्का (Albert Ekka) ने देखा कि एक दुश्मन एलएमजी की मदद से उनकी टीम को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।

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उन्होंने आव देखा न ताव सीधा अकेले ही अपनी टीम की सुरक्षा में दुश्मनों के खिलाफ उतर पड़े। इस दौरान उन्होंने उस बंकर पर हमला बोल दिया और अकेले ही उसकी जान ले ली। साथ ही, उस एलएमजी के साथ जो अन्य दुश्मन साथी थे उन्हे भी इन्होंने घायल कर दिया।