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1971 का युद्ध: भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर किया था जबरदस्त हमला, Pak सेना को हुआ था भारी नुकसान

फाइल फोटो।

8 और 9 दिसंबर की रात को इस ऑपरेशन लागू किया गया। एक मिसाइल शिप और दो युद्ध-पोत के जरिए कराची के तट पर मौजूद जहाजों के ग्रुप पर हमला किया गया था।

भारत-पाकिस्तान (Pakistan) के बीच 1971 में हुए युद्ध का जिक्र हो तो भारतीय सेनाओं की शौर्य की गाथा का जिक्र जरूर होता है। इस युद्ध में थल सेना के साथ-साथ नौसेना ने भी अहम भूमिका निभाई थी। युद्ध में नौसेना ने पाकिस्तान (Pakistan) को भारी नुकसान पहुंचाया था। 1971 में 4 दिसंबर के दिन युद्ध में नौसेना ने अहम भूमिका निभाते हुए कराची बंदरगाह पर जबरदस्त हमला किया था। इस आक्रमण को ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ दिया गया।

भारत द्वारा कराची बंदरगाह पर ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत किए गए पहले हमले के बाद, पाक ने अपने तट पर हवाई निगरानी को बढ़ा दिया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अरब सागर में भारतीय नौसेना के बड़े जहाजों की उपस्थिति से उन्हें लगा कि एक और हमले की योजना बनाई जा रही है।

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इस दौरान पाकिस्तानी युद्धपोतों ने कॉमर्शिल जहाजों के साथ घुल-मिलकर भारतीय नौसेना को चकमा देने की कोशिश की थी। पाकिस्तानी सेना की इसी चाल को फेल करने के लिए, 8 और 9 दिसंबर की रात को इस ऑपरेशन लागू किया गया। एक मिसाइल शिप और दो युद्ध-पोत के जरिए कराची के तट पर मौजूद जहाजों के ग्रुप पर हमला किया गया था।

इस ऑपरेशन में भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तानी बेड़े के टैंकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे। नौसेना की अदम्य वीरता और साहस ने इस दिन को भारतीय इतिहास में सदा के लिए अमर कर दिया। युद्ध में पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण किया था और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का भी समापन हुआ था।

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