सीआरपीएफ (CRPF) को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं, जैसे कि इस फोर्स का क्या काम है? सीआरपीएफ का इस्तेमाल किन परिस्थितियों में किया जाता है?
सेंट्रल पुलिस फोर्स (CRPF) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला एक अर्द्धसैनिक बल है। सीआरपीएफ ने युद्ध से लेकर मेट्रो तक की सुरक्षा में मोर्चा संभाला है। आजादी के बाद 28 दिसंबर, 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू किए जाने के बाद यह सीआरपीएफ को मान्यता मिली थी।
सीआरपीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं जैसे कि इस फोर्स का क्या काम है? सीआरपीएफ का इस्तेमाल किन परिस्थितियों में किया जाता है या किया जाता रह है?
सीआरपीएफ (CRPF) का काम भीड़ को नियंत्रित, दंगों पर नियंत्रण, आंतकियों को मार गिराने, वामपंथी उग्रवाद से निपटने का है। इसके अलावा हिंसक क्षेत्रों में चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए राज्य पुलिस के साथ समन्वय के तहत सीआरपीएफ काम करती है। अति विशिष्ट व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा। युद्धकाल के दौरान आक्रामक पूर्ण ढंग से लड़ना। प्राकृतिक आपदाओं के समय में बचाव और राहत कार्य करना।
CRPF की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है जिस पर अमूमन हमारा ध्यान नहीं जाता है, वह है – केन्द्र सरकार के द्वारा स्थापित स्थलों जैसे- हवाईअड्डा, पुलों, पॉवरहाउस, दूरदर्शन केंद्रों, सभी ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों, राज्यपालों के निवासस्थलों और मुख्यमंत्री आवासों की सुरक्षा करना।
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राष्ट्रीय बैंकों और अन्य सरकारी स्थलों पर सीआरपीएफ (CRPF) सुरक्षा में तैनात रहती है। वहीं, सीआरपीएफ लोकतांत्रिक संस्थानों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है और वहां किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधियों को होने से रोकती है।